बॉलीवुड एक्ट्रेस नूर मालबिका दास: डिप्रेशन और करियर असंतोष के चलते आत्महत्या
जून, 11 2024मुम्बई में मिली नूर मालबिका की दुखद ख़बर
बॉलीवुड अभिनेत्री नूर मालबिका दास की मुंबई के ओशिवारा में स्थित उनके अपार्टमेंट में आत्महत्या की दुखद ख़बर से पूरे फिल्मी जगत में शोक की लहर दौड़ गई। नूर, जो असम के करीमगंज शहर से थी, अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए मुंबई आई थीं। लेकिन, दुर्भाग्यवश, उनकी ज़िन्दगी का अंत इतनी त्रासदीपूर्ण तरीके से हुआ। उनके परिवार ने खुलासा किया कि नूर पिछले कुछ समय से गहरे डिप्रेशन से जूझ रही थी और अपने करियर से असंतुष्ट थीं। उनके बुलंद सपनों के बावजूद, उन्हें अपने करियर में अप्रत्याशित संघर्षों का सामना करना पड़ा।
डिप्रेशन और आत्महत्या: एक गंभीर मुद्दा
नूर के परिवार की माने तो, अभिनय में अपने करियर को लेकर वह निराश रहती थीं। उनकी पितृ पक्ष की बुआ, अरति दास, ने बताया कि नूर अपने साथियों की तुलना में खुद को कमतर मानती थीं और यह भी एक वजह हो सकती थी कि उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया। करियर की निराशा और आत्मबल में कमी ने उन्हें डिप्रेशन की कगार पर खड़ा कर दिया था।
शव की बरामदगी और अंतिम संस्कार
नूर के पड़ोसियों ने जब उनके अपार्टमेंट से आती बदबू की शिकायत ओशिवारा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई, तो पुलिस ने अपार्टमेंट का दरवाजा तोड़कर उनके शव को पाया। शव की हालत देखकर ऐसा प्रतीत होता था कि उनकी मौत एक सप्ताह पहले ही हो चुकी थी। पुलिस ने उनके परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने प्रतिक्रिया नहीं दी। अंततः, ममदानी हेल्थ और एजुकेशन ट्रस्ट एनजीओ की मदद से नूर का अंतिम संस्कार किया गया।
बॉलीवुड में संघर्ष और मानसिक स्वास्थ्य
नूर ने अपने करियर में कई प्रोजेक्ट्स में काम किया था। 'वॉकमैन', 'सिस्कीयां', 'तीखी चटनी', 'जघन्या उपाय', 'चरमसुख', 'देखी अनदेखी', 'बैकरोड हसल' जैसे प्रोजेक्ट्स में उन्हें काम करने का मौका मिला। वह आखिरी बार काजोल और जिशु सेनगुप्ता के साथ 'द ट्रायल' में नजर आई थीं। यहां तक कि उनके अभिनय करियर से पहले वह एक एयरहोस्टेस के रूप में भी काम कर चुकी थीं।
अभी हाल ही में, ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने नूर की आत्महत्या के मामले में जांच की मांग की। उन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग में आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की और इस मुद्दे के मूल कारणों की खोज के लिए एक गहन जांच की मांग की।
फिल्मी जगत में आत्महत्या की बढ़ती घटनाएँ
यह एक चिंताजनक स्थिति है कि भारतीय फिल्म उद्योग में आत्महत्या की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। कई नए और संघर्षरत कलाकार मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं जिसे अनदेखा करना असंभव है। डिप्रेशन और आत्मबल की कमी ने कई प्रतिभाशाली व्यक्तियों को इस तरह के कृत्य करने के लिए मजबूर किया है।
फिलहाल नूर की आत्महत्या ने यह महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ग्लैमर और प्रसिद्धि की चमक के पीछे के काले अंधेरों को कभी सही मायनों में दूर किया जा सकता है। फिल्म उद्योग में कार्यरत लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाने की आवश्यकता है जिससे कि इस प्रकार के हादसे रोके जा सकें।