गायक कृष्णकुमार कुन्नथ की मृत्यु के दो साल बाद: स्वास्थ्य स्थिति का विश्लेषण
अक्तू॰, 26 2024कृष्णकुमार कुन्नथ: संगीत का चमकता सितारा
कृष्णकुमार कुन्नथ, जिन्हें हम सभी 'केके' के नाम से जानते हैं, भारतीय सिनेमा संगीत के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय आवाज और दिल को छू जाने वाले गीतों के कारण अमर हो गए हैं। केके की अद्भुत आवाज़ ने कई युवा और बुजुर्गों के दिलों को जीत लिया था। 2022 के मई महीने में, जब वे कोलकाता में एक ऊर्जा भरपूर लाइव प्रदर्शन कर रहे थे, तब उनकी अचानक मृत्यु ने सभी को झकझोर कर रख दिया। वह केवल 53 वर्ष के थे, उनके फैन्स और परिवार के लिए उनकी मृत्यु एक ऐसी क्षति थी, जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती।
केके की याद में गूगल डूडल
उनके जन्मदिन पर, गूगल ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए डूडल बनाया, जो उनकी लोकप्रियता और योगदान का सूचक था। इस श्रद्धांजलि के साथ, उनके बारे में खोजने की संख्या अचानक बढ़कर 500,000 हो गई। यह दर्शाता है कि उनके चाहने वाले अभी भी उन्हें कितनी गहराई से याद करते हैं। लेकिन इस घटना ने उनके स्वास्थ्य के बारे में कई सवाल खड़े किए, जिनके उत्तर समय रहते मिलने जरूरी थे।
स्वास्थ्य स्थिति जिसने लिया उनका जीवन
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों ने उनकी मौत का कारण बड़ा ह्रदयाघात बताया था। लेकिन, आगे की जांचों से पता चला कि उनका स्वास्थ्य पहले से ही कई गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा था। पोस्टमॉर्टम के बाद ज्ञात हुआ कि केके के फेफड़ों और लिवर में खासी दिक्कतें थीं। इन स्वास्थ्य समस्याओं के जिक्र के बिना उनकी मृत्यु को सही ढंग से समझना मुश्किल था। यह सभी समस्याएं एक साथ मिलकर उनके हृदय पर भार डाल रही थीं, जो अंततः कार्डियोजेनिक पल्मोनरी ओडेमा का कारण बनीं।
हाइपॉक्सिया: सांस की कमी का संकट
हाइपॉक्सिया ऐसी स्थिति होती है, जब शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। हाइपॉक्सिया का खतरा उन लोगों में अधिक होता है, जिनको सांस से संबंधित रोग जैसे COPD, अस्थमा, एम्फिसीमा आदि होते हैं। केके के मामले में, उनका दिल आवश्यकतानुसार खून पंप नहीं कर रहा था, जिससे फेफड़ों में तरल जमा हो गया और सांस लेने में कठिनाई होने लगी।
हाइपॉक्सिया के लक्षणों में सिरदर्द, तेज दिल की धड़कन, सांस लेने में कठिनाई, बेचैनी, भ्रम, चिंता, त्वचा का नीला पड़ जाना, और धीमी धड़कन शामिल होते हैं। केके ने अपनी अंतिम प्रस्तुति के दौरान बांहों में दर्द और अत्यधिक थकान महसूस की थी और कंसर्ट के दौरान 'भारीपन' की शिकायत की थी।
कंसर्ट के बाद, उनके होटल में वो गिर पड़े और अस्पताल पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
केके की कहानी से सीख
केके की यह कहानी एक महत्वपूर्ण सबक है कि स्वास्थ्य स्थिति को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। विशेष रूप से जब आप महसूस करें कि शरीर में कुछ गड़बड़ है, तब समय रहते डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। कभी-कभी छोटी से लगने वाली स्वास्थ्य समस्याएं भी गंभीर रूप धारण कर सकती हैं। इसलिए, सभी के लिए यह जरूरी है कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और समय-समय पर उचित चिकित्सा जांच करवाएं।
कृष्णकुमार कुन्नथ कोई आम इंसान नहीं, बल्कि संगीत की दुनिया के लिए एक प्रेरणा थे। उनकी यादें उनके गानों के रूप में हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी।