क्रिकेट लीजेंड्स: रिटायरमेंट के बाद बढ़ी पेमेंट, लोकप्रियता और ब्रांड वैल्यू की भूमिका
जुल॰, 11 2024रिटायरमेंट के बाद बढ़ी हुई वेतन: लोकप्रियता का जादू
क्रिकेट की दुनिया में कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो अपने समय के महान क्रिकेटर रहे हैं। इन खिलाड़ियों की लोकप्रियता उनके खेल करियर के दौरान ही नहीं बल्कि रिटायरमेंट के बाद भी बनी रहती है। वास्तव में, कई पूर्व क्रिकेटरों को रिटायर होने के बाद उनके पूर्व वेतन से कहीं ज्यादा कमाई हो रही है। यह न केवल उनकी बढ़ती लोकप्रियता बल्कि उनके ब्रांड वैल्यू और कुशलता के कारण है।
ऐसे क्रिकेटरों की मौजूदगी
कुछ सबसे प्रसिद्ध चेहरे जैसे कि सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, और विराट कोहली ने अपने रिटायरमेंट के बाद भी क्रिकेट में योगदान देने वाले आला स्तर के कार्यों का निर्वाह किया है। इन खिलाड़ियों ने अपनी मार्केट वैल्यू को न केवल क्रिकेट के मैदान पर बल्कि विज्ञापनों और व्यवसायिक डील्स में भी बरकरार रखा है। तेंदुलकर और धोनी जैसे क्रिकेटरों की ब्रांड वैल्यू आज भी इतनी मजबूत है कि वे अनेक बड़े ब्रांड्स के पहले पसंद बने हुए हैं।
विविध अवसर
क्रिकेट से रिटायर्ड खिलाड़ियों के लिए विभिन्न अवसर उपलबध हैं। कई खिलाड़ी अब क्रिकेट प्रशासन, कमेंट्री, और कोचिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। एमएस धोनी की बात करें तो उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ मिलकर विभिन्न सलाहकारी भूमिकाएँ निभाई हैं।
इसके अलावा, कई पूर्व खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और विभिन्न फ्रैंचाइज़ी लीगों के साथ अपने अनुभव और कौशल का उपयोग कर रहे हैं। ये क्रिकेटर टीवी चैनलों पर विशेषज्ञ कमेंटेटर के रूप में भी काम कर रहे हैं और उनकी विशेषज्ञ राय उनके उच्च वेतन और लोकप्रियता में योगदान कर रही है।
ब्रांड और एंडोर्समेंट डील्स
क्रिकेट से रिटायर होने के बाद खिलाड़ियों की बढ़ती लोकप्रियता और ब्रांड वैल्यू उन्हें अधिक एंडोर्समेंट डील्स दिलाने में मदद कर रही है। यह देखा गया है कि कैसे एक पूर्व खिलाड़ी जैसे विराट कोहली या सचिन तेंदुलकर, अपने सक्रिय खेल करियर के समय से अधिक एंडोर्समेंट डील्स पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
ये क्रिकेटर अपने पोस्ट-रिटायरमेंट ब्रांड प्रेजेंस का बड़े लाभ के साथ उपयोग कर रहे हैं। उनकी लोकप्रियता और उनके प्रशंसकों की निष्ठा उन्हें बढ़ते वेतन और अन्य व्यावसायिक अवसरों में सहायक साबित हो रही है।
ऊँचे पदों पर कार्य
कई क्रिकेटरों ने रिटायरमेंट के बाद ऊँचे पदों पर काम करने का निर्णय लिया है। उदाहरण के तौर पर, महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान के रूप में अपने कार्यकाल के समाप्ति के बाद फ्रैंचाइज़ी में सलाहकार की भूमिका निभाई।
इसी तरह, सचिन तेंदुलकर ने मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ व्यावसायिक डील्स की हैं और विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। यह उनकी बढ़ती ब्रांड वैल्यू का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
फायदे और चुनौतियां
हालांकि, इन क्रिकेटरों के लिए रिटायरमेंट के बाद बढ़ती आय के साथ कई फायदे हैं, लेकिन यह एक आसान रास्ता नहीं है। खिलाड़ियों को अपने ब्रांड और लोकप्रियता को बनाए रखने के लिए लगातार मेहनत करनी पड़ती है। यह जरूरी है कि वे अपने प्रशंसकों के साथ सक्रिय संवाद रखें और समय-समय पर नए-नए करीबियों और परियोजनाओं में शामिल हों।
कुल मिलाकर, क्रिकेट के खिलाड़ियों का रिटायरमेंट के बाद की जीवनशैली न सिर्फ उनकी अधिक आय का स्रोत बन रही है, बल्कि उनके लिए नए करियर और व्यवसायिक अवसरों का द्वार खोल रही है। यह उनके परिश्रम और लोकप्रियता का परिणाम है कि वे आज भी नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं।