प्रशिक्षु IAS अधिकारी पूजा खेडकर की कैडर जांच
प्रशिक्षु IAS अधिकारी पूजा खेडकर, जिन्होंने UPSC परीक्षा में 841वीं रैंक हासिल की थी, अब अपनी कैडर की जांच के अधीन हैं। उन पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने सरकारी अधिकारों का दुरुपयोग किया, जिसमें उनकी निजी ऑडी कार का गलत इस्तेमाल शामिल है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अपने वाहन पर लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट का भी उपयोग किया, जो प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए मान्य नहीं है।
जांच समिति की स्थापना
भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने इन आरोपों की जांच के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एक-member समिति का गठन किया है। यह समिति पूजा खेडकर की कैंडिडेचर और अन्य विवरणों की पुष्टि करेगी और अपनी रिपोर्ट दो सप्ताह में प्रस्तुत करेगी। समिति का नेतृत्व एक अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा किया जा रहा है, जो इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं।
आरोपों की विस्तृत लेखा
पूजा खेडकर पर यह भी आरोप है कि उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को उपलब्ध नहीं होने वाली अन्य कई सुविधाओं की मांग की थी, जिनमें एक अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर, और एक चपरासी शामिल हैं। इसके साथ ही यह भी आरोप है कि उन्होंने फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र जमा करके सिविल सेवाओं की परीक्षा पास की।
अप्रैल 2022 में, उन्हें उनके दिव्यांगता प्रमाण पत्र की पुष्टि के लिए AIIMS, दिल्ली में पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन उन्होंने कोविड-19 संक्रमण का हवाला देते हुए पेश होने से मना कर दिया था।
परिवार की बंगलो से जुड़े आरोप
इस मामले में एक सहायक जांच भी पुणे नगर निगम द्वारा की जा रही है, जहां खेडकर के परिवार के बंगलो के बाहर और आस-पास के फुटपाथों पर अवैध अतिक्रमण के आरोप लगे हैं। नगर निगम ने इन आरोपों पर भी कार्रवाई करने की बात कही है।
पूजा खेडकर का पक्ष
पूजा खेडकर ने इन सभी आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह पूरी तरह से प्रक्रिया का पालन करेंगी और जांच में सहयोगी रहेंगी। उनके अनुसार, वह अपनी सभी जानकारी और विषयों को समिति के सामने प्रस्तुत करेंगी और आरोपों का निराकरण करेंगी।
जांच के परिणाम का इंतजार
पूजा खेडकर की जांच और इससे जुड़े आरोप एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा बन गए हैं। इस मामले में कमीशन की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो यह तय करेगी कि खेडकर दोषी हैं या नहीं।
इस प्रकार की जांच न केवल व्यक्तिगत अधिकारी के कैरियर पर असर डालती है, बल्कि सिविल सेवा के पूरे ढांचे को भी प्रभावित करती है। यह मामला हमें याद दिलाता है कि कितनी गंभीरता और सख्ती से सिविल सेवाओं की परीक्षाओं और अधिकारियों के आचरण की जांच की जाती है।
Anish Kashyap
जुलाई 14, 2024 AT 13:55Sanjay Gupta
जुलाई 16, 2024 AT 02:16AnKur SinGh
जुलाई 16, 2024 AT 02:57Poonguntan Cibi J U
जुलाई 18, 2024 AT 00:55Mayank Aneja
जुलाई 18, 2024 AT 03:37Sanjay Bhandari
जुलाई 18, 2024 AT 10:03Pritesh KUMAR Choudhury
जुलाई 18, 2024 AT 10:11Vallabh Reddy
जुलाई 18, 2024 AT 16:35Vishal Bambha
जुलाई 19, 2024 AT 23:49Mohit Sharda
जुलाई 20, 2024 AT 04:39Kunal Mishra
जुलाई 20, 2024 AT 05:42Vishal Raj
जुलाई 21, 2024 AT 01:46Raghvendra Thakur
जुलाई 21, 2024 AT 19:07Reetika Roy
जुलाई 23, 2024 AT 03:11