वायनाड में प्रियंका गांधी का चुनाव लड़ने की संभावना
केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव के चलते राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। राहुल गांधी ने यहां से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने की संभावना जताई है। कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि प्रियंका की लोकप्रियता और गांधी परिवार की विरासत से उन्हें निर्णायक बढ़त मिलेगी।
प्रियंका गांधी का वायनाड की राजनीति में प्रभाव
प्रियंका गांधी को राजनीति में उनकी स्पष्टवादिता और ऊर्जा के लिए जाना जाता है। कांग्रेस को विश्वास है कि प्रियंका के चुनाव लड़ने से चुनाव में महिला मतदाताओं में नया जोश पैदा होगा। प्रियंका की छवि एक प्रगतिशील महिला नेता की है, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
राहुल गांधी की पिछली जीत का प्रभाव
पिछली बार राहुल गांधी ने वायनाड सीट पर 4.31 लाख से अधिक वोटों के अंतर से रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। यह जीत कांग्रेस की स्थानीय रणनीति और राहुल की व्यक्तिगत करिश्मा का परिणाम थी। कांग्रेस पार्टी अब इसी परंपरा को आगे बढ़ाने और बहुमत को बनाए रखने के लिए कमर कस चुकी है।
कांग्रेस की चुनावी तैयारियां
कांग्रेस पार्टी चुनाव को लेकर पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है। पार्टी ने अपनी स्थानीय इकाइयों को मजबूत करने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर नेताओं को भी शामिल किया है। प्रियंका गांधी की प्रचार रैलियां और सभाएं होने की संभावना है, जिनसे बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी देखी जा सकती है।
विपक्ष की तैयारियां
जहां एक तरफ कांग्रेस अपनी पूरी तैयारी में जुटी हुई है, वहीं दूसरी तरफ वामपंथी दल (एलडीएफ) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अब तक अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष इन चुनावों में किसी मजबूत रणनीति के साथ ही शामिल होगा ताकि कांग्रेस के सामने एक कड़ी चुनौती पेश की जा सके।
वोटरों के मन में उत्साह
वायनाड के मतदाताओं में भी इस उपचुनाव को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। लोगों में उम्मीद है कि नया चुनावी चेहरा उनकी समस्याओं को अधिक प्रभावी ढंग से उठाएगा और समाधान करेगा। प्रियंका की खुदरा राजनीति और उनकी महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता खासकर महिला मतदाताओं को आकर्षित कर सकती है।
प्रियंका की चुनौती
हालांकि प्रियंका गांधी के सामने भी चुनौतियों की कोई कमी नहीं है। उन्हें अपने भाई राहुल गांधी के स्थापित जनाधार को बनाए रखते हुए इसे और बढ़ाने का काम करना होगा। यह भी संभव है कि विपक्षी दल एकजुट होकर इन चुनावों को कांग्रेस के लिए कठिन बना दें।
चुनाव की तिथि और आगे की रणनीति
उपचुनाव की तारीख की घोषणा होते ही सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर देंगे। तब तक, कांग्रेस अपनी ओर से प्रियंका गांधी को लेकर माहौल बनाने में जुटी हुई है। जनता की नजरें भी चुनावी तारीख पर टिकी हैं ताकी वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
Prince Ranjan
जून 19, 2024 AT 18:15गांधी परिवार की विरासत अब किसी के लिए भी मंत्र नहीं है
लोग अब नेता नहीं बल्कि काम करने वालों को चाहते हैं
प्रियंका का नाम लेकर वोट मिलेगा ये सोचना बेकार की आत्मा है
क्या आपको लगता है कि वायनाड के गरीब किसान उनके फोटो के लिए वोट देंगे
नहीं वो खेतों की बारिश और बिजली के लिए लड़ रहे हैं
कांग्रेस अभी भी अपने घरेलू बाजार की बात कर रही है
बाहर की दुनिया तो बदल चुकी है
हर चुनाव में वही नाम लेकर आना अब बोरिंग है
अगर तुम नेता बनना चाहते हो तो अपनी बात अपने आप से करो
नहीं तो इस देश में बस नाम नहीं बल्कि काम चाहिए
कांग्रेस तो अभी भी 1980 के दशक में फंसी हुई है
ये सब नाम लेकर चलना अब नहीं चलेगा
अगर तुम्हारे पास कुछ नहीं है तो फिर बस बैठ जाओ
कांग्रेस को अपने आप को नया बनाने की जरूरत है न कि प्रियंका को बाहर लाने की
Suhas R
जून 20, 2024 AT 09:41प्रियंका गांधी को उतारने का असली मकसद ये है कि राहुल के खिलाफ जो विद्रोह हुआ उसका जवाब देना है
अमेरिका के खिलाफ एक गुप्त ऑपरेशन चल रहा है जिसमें कांग्रेस के ऊपर दबाव डाला जा रहा है
कांग्रेस के भीतर कुछ लोग अमेरिकी स्पाई के साथ काम कर रहे हैं
प्रियंका को इसलिए उतारा जा रहा है क्योंकि वो अमेरिका के खिलाफ बोलती है
अगर वो नहीं आई तो ये चुनाव फर्जी है
बीजेपी ने इसके लिए अमेरिकी एजेंट को भेजा है
तुम लोग नहीं जानते कि ये सब क्यों हो रहा है
इस चुनाव में एक बड़ा राज छिपा हुआ है
जब तक तुम इस बात को नहीं समझ जाओगे तब तक तुम देश का नहीं बल्कि दुश्मन का बन जाओगे
प्रियंका को रोकने की कोशिश में विपक्ष अपनी सारी शक्ति लगा रहा है
मैंने अपने दोस्त से जानकारी मिली है जो सीबीआई में काम करता है
वो कहता है कि एक बड़ा आरोप तैयार है जो अगले हफ्ते आएगा
तुम लोग बस अपने आप को बचाओ
Pradeep Asthana
जून 20, 2024 AT 20:51प्रियंका को लेकर जो बहस हो रही है वो बिल्कुल बेकार है
तुम लोग ये भूल गए कि वायनाड में लोग असली समस्याओं के बारे में सोच रहे हैं
पानी की कमी है
सड़कें टूटी हुई हैं
बिजली नहीं आती
किसानों को ऋण माफी चाहिए
प्रियंका का फोटो लगाने से कुछ नहीं होगा
अगर तुम उनके घर जाओगे तो पता चलेगा कि वो बाहर के लोगों को नहीं जानती
ये सब तो दिल्ली के लोगों की खेल है
वायनाड के लोग तो अपनी जमीन के लिए लड़ रहे हैं
प्रियंका को यहां आने की कोई जरूरत नहीं है
कांग्रेस को अपने अंदर के लोगों को बढ़ाना चाहिए
जैसे वहां के युवा नेता
जो वास्तविक जमीनी स्थिति जानते हैं
तुम लोग अपने बाहरी नामों को बढ़ाने की बजाय अपने घर को सुधारो
इस देश में अब नाम नहीं काम चाहिए
Shreyash Kaswa
जून 20, 2024 AT 21:36हमें उनके काम को देखना चाहिए
प्रियंका गांधी ने अब तक कोई भी वास्तविक नीति बनाई नहीं है
वो बस रैलियों में आती हैं और फिर चली जाती हैं
वायनाड के लोगों को इस तरह के नाम के लिए वोट नहीं देना चाहिए
हमें ऐसे उम्मीदवार चाहिए जो यहां रहेंगे
जो यहां की समस्याओं को समझेंगे
जो यहां के बच्चों की शिक्षा के लिए लड़ेंगे
जो यहां के किसानों को न्याय देंगे
कांग्रेस को अपने अंदर से नेता उभारना चाहिए
जो इस देश के लिए जीवन बिताएं
प्रियंका को यहां आने की जरूरत नहीं है
वो तो दिल्ली की राजनीति में फंसी हुई हैं
हमें एक ऐसा नेता चाहिए जो वायनाड के लिए जीए
Sweety Spicy
जून 22, 2024 AT 10:32प्रियंका गांधी को लेकर जो बहस हो रही है वो बस एक बड़ा धोखा है
तुम लोग ये भूल गए कि इस देश में महिलाएं अब अपने आप को बाहरी नामों से नहीं बल्कि अपनी आवाज से बात करती हैं
प्रियंका ने कभी किसी किसान की बात नहीं सुनी
वो तो अपने अंदर के दुनिया में रहती हैं
मैंने एक बार वायनाड के एक गांव में जाकर देखा
वहां की महिलाएं अपने बच्चों के लिए अपना सब कुछ दे रही हैं
उन्हें प्रियंका की जरूरत नहीं है
उन्हें एक ऐसी नेता चाहिए जो उनके साथ बैठे
जो उनकी आवाज उठाए
जो उनके लिए लड़े
प्रियंका तो बस एक चेहरा है
एक बड़ा ब्रांड
लेकिन असली जमीनी समस्याओं के लिए वो बेकार हैं
हमें अपनी महिलाओं को नेता बनाना चाहिए
न कि बाहरी नामों को लाना
ये देश अब नामों से नहीं असली कामों से बचेगा
Maj Pedersen
जून 22, 2024 AT 16:49यह दर्शाता है कि कांग्रेस अपने अंदर के नेतृत्व को बदलने की कोशिश कर रही है
वो एक युवा महिला हैं जिन्होंने अपने जीवन को राजनीति में समर्पित कर दिया है
उनकी ऊर्जा और दृढ़ता इस देश के लिए एक नया आशा का प्रतीक है
राहुल गांधी की जीत का आधार उनकी व्यक्तिगत छवि थी
प्रियंका उसी परंपरा को आगे बढ़ा सकती हैं
लेकिन उनके साथ एक नई ऊर्जा भी आती है
वो बस एक नाम नहीं हैं
वो एक आंदोलन हैं
उनकी उपस्थिति से महिला मतदाताओं को एक नई पहचान मिलेगी
उनके लिए एक नया विज़न बनेगा
हमें इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि राजनीति में नेतृत्व का नया युग शुरू हो रहा है
प्रियंका गांधी उसी युग की अगुआ हैं
हमें उनका समर्थन करना चाहिए और उनके साथ बदलाव लाना चाहिए
Ratanbir Kalra
जून 24, 2024 AT 12:51या क्या हम वास्तविकता के लिए वोट देते हैं
प्रियंका गांधी का नाम एक प्रतीक है
लेकिन क्या वह प्रतीक असली है
या यह सिर्फ एक छाया है
राहुल गांधी की जीत एक घटना थी
लेकिन क्या वह घटना अब भी उतनी ही शक्तिशाली है
या यह अब बस एक याद है
हम अपने भविष्य को अतीत के नामों से नहीं बचा सकते
हमें अपने भविष्य को अपने आप से बनाना होगा
प्रियंका को लेकर जो बहस हो रही है वह बस एक धोखा है
जिसमें हम अपने भावनात्मक आधार को छिपा रहे हैं
हम अपने डर को छिपा रहे हैं
हम अपनी असहमति को छिपा रहे हैं
हम अपने बदलाव की जरूरत को छिपा रहे हैं
हम अपने आप को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं
और इसलिए हम एक नाम को चुनते हैं
लेकिन वह नाम हमें बदल नहीं पाएगा
Seemana Borkotoky
जून 24, 2024 AT 13:14मैंने देखा है कि यहां के लोग कैसे जीते हैं
प्रियंका गांधी के बारे में मैंने बहुत कुछ सुना है
लेकिन मुझे नहीं लगता कि वो यहां की जिंदगी को समझती हैं
हमारे यहां बिजली नहीं है
पानी नहीं है
स्कूल नहीं है
हमारी बहनें बच्चों को पालती हैं
हमारे भाई शहर जाते हैं और वहां काम करते हैं
हम जो चाहते हैं वो है एक नेता जो हमारे साथ बैठे
जो हमारी आवाज सुने
जो हमारे लिए लड़े
प्रियंका को यहां आने की जरूरत नहीं है
हमें अपनी लड़कियों को नेता बनाना चाहिए
जो हमारे घर से निकलकर आएं
जो हमारे लिए जीएं
हम अपने नेता को अपने घर से चाहते हैं
न कि दिल्ली से
Sarvasv Arora
जून 26, 2024 AT 08:54प्रियंका गांधी को लेकर जो बहस हो रही है वो बस एक बड़ा धोखा है
कांग्रेस अपने अंदर कुछ नहीं बना पाई
इसलिए वो बाहर से नाम लाती है
प्रियंका को लेकर जो बहस हो रही है वो बस एक आवाज है
जो किसी को भी नहीं सुनती
हमें अपने अंदर के नेता चाहिए
जो यहां रहें
जो यहां की समस्याएं समझें
जो यहां के लोगों के साथ जीएं
प्रियंका तो बस एक चेहरा है
एक ब्रांड
लेकिन असली काम करने वाला कोई नहीं है
ये सब बस एक नाटक है
हम इस नाटक को अब नहीं देखना चाहते
हम असली काम चाहते हैं
हम असली नेता चाहते हैं
हम अपने आप को बदलना चाहते हैं
लेकिन ये बाहरी नाम नहीं बदल सकते
Jasdeep Singh
जून 27, 2024 AT 20:49कांग्रेस ने अपनी पार्टी को बर्बाद कर दिया है
अब वो बस एक नाम के आधार पर चल रही है
प्रियंका गांधी को लेकर जो बहस हो रही है वो बस एक फ्रेमिंग टूल है
जिसका उद्देश्य वोटर्स को भ्रमित करना है
इस चुनाव में वास्तविक लड़ाई नहीं है
ये एक नए राजनीतिक आर्किटेक्चर का निर्माण है
जिसमें गांधी परिवार का नाम एक लॉजिस्टिक विंग है
हमें इस बात को समझना होगा कि ये सब एक बड़ा ऑपरेशन है
जिसमें राजनीति के साथ ब्रांडिंग और मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है
हमें अपने आप को इस फ्रेम में नहीं फंसना चाहिए
हमें अपने आप को इस नाटक से बाहर निकालना होगा
हमें अपने नेता को अपने आप से चुनना होगा
न कि किसी ब्रांड से
ये चुनाव एक नए युग की शुरुआत है
लेकिन ये युग गांधी परिवार का नहीं है
ये युग हमारा है
Rakesh Joshi
जून 29, 2024 AT 14:10प्रियंका गांधी का आना बहुत बड़ी बात है
वो एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने अपने जीवन को देश के लिए समर्पित कर दिया है
उनकी ऊर्जा और दृढ़ता इस देश के लिए एक नया आशा का प्रतीक है
हमें इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि राजनीति में नेतृत्व का नया युग शुरू हो रहा है
प्रियंका गांधी उसी युग की अगुआ हैं
हमें उनका समर्थन करना चाहिए
उनके साथ बदलाव लाना चाहिए
हम यहां नहीं बल्कि देश के लिए खड़े हैं
हम एक ऐसे नेता की जरूरत हैं जो अपने आप को बदले
जो अपने देश को बदले
प्रियंका वही हैं
उन्हें यहां आने दो
उन्हें यहां लड़ने दो
हम उनके साथ हैं
HIMANSHU KANDPAL
जून 29, 2024 AT 18:50मैं इस बात को नहीं समझता कि क्यों हम इतना जोर दे रहे हैं
हम अपने आप को बदलने की जरूरत है
न कि किसी और को बदलने की
हमें अपने अंदर के नेता चाहिए
जो हमारे घर से आएं
जो हमारी बात सुनें
जो हमारे लिए लड़ें
प्रियंका को यहां आने की जरूरत नहीं है
हम अपने आप को बदलना चाहते हैं
लेकिन हम अपने आप को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं
इसलिए हम एक नाम को चुनते हैं
लेकिन वह नाम हमें बदल नहीं पाएगा