पृथ्वी दिवस 2024: 'प्लैनेट बनाम प्लास्टिक' और हमारी जिम्मेदारी
क्या आप जानते हैं हर साल पूरी दुनिया के 194 देशों में World Earth Day 2024 मनाया जाता है? 22 अप्रैल को ये दिन एक याद दिलाने के लिए आता है कि हमारी धरती कितनी खतरनाक मुसीबतों से घिरी है—चाहे वो लगातार बढ़ता प्लास्टिक प्रदूषण हो, जलवायु परिवर्तन, या फिर जंगलों का कटान। 1970 में अमेरिकी सीनेटर गेयलॉर्ड नेल्सन ने सबसे पहले इसकी शुरुआत की। आज ये किसी आंदोलन से कम नहीं, जिसमें बच्चे, युवा, बड़े—हर कोई शामिल होता है।
इस बार Earth Day 2024 की थीम थी—'प्लैनेट बनाम प्लास्टिक'। वाकई, प्लास्टिक से पूरा पर्यावरण बेहाल है। वैज्ञानिक बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि अगर प्लास्टिक का उत्पादन और उपयोग ऐसे ही चलता रहा तो कुछ दशकों में समंदर, जमीन, हवा–सब बर्बाद हो जाएंगे। रिपार्ट्स के मुताबिक, हर साल दुनिया में करीब 40 करोड़ टन प्लास्टिक बनता है, जिसमें से लगभग 80% कभी रिसाइकिल नहीं होता। ये सीधा हमारे खानपान, फेफड़ों और आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य पर असर डालेगा।
पर्यावरण की सुरक्षा: स्कूलों से लेकर घर तक
विश्व पृथ्वी दिवस की खासियत यही है कि इसमें भाग लेने के लिए किसी सीमा या उम्र की बंदिश नहीं। स्कूलों में बच्चों के लिए जबरदस्त पोस्टर मेकिंग, निबंध प्रतियोगिताएं, भाषण और पौधारोपण अभियान रखे जाते हैं। कई जगह संगठन सफाई अभियान, प्लास्टिक मुक्त बाजार या अपशिष्ट प्रबंधन कार्यशालाएं भी चलाते हैं।
मगर, असली फर्क तब पड़ेगा जब समाज का हर व्यक्ति छोटी-छोटी कोशिशें अपने स्तर पर शुरू करे।
- प्लास्टिक के थैलों की जगह कपड़े या जूट बैग इस्तेमाल करें।
- रोजाना पानी या चाय के लिए डिस्पोजेबल कप की बजाए स्टील या ग्लास का गिलास अपनाएं।
- घर में कचरा अलग-अलग चीजों में बांटकर डस्टबिन में डालें—गिला, सूखा और रिसाइकल वाले अपशिष्ट।
- आसपास के पार्क, गली या कॉलोनी में नीम, पीपल, बरगद जैसे देशी पौधे लगाएं।
- फूड डिलीवरी के ऑर्डर में 'नो प्लास्टिक कटलरी' का विकल्प चुनें।
- ज्यादा से ज्यादा डिजिटल का इस्तेमाल करें, ताकि कागज की बर्बादी कम हो।
- फ्रीज, पंखे, बल्ब आदि जब इस्तेमाल में न हों तो बंद रखें—इससे बिजली बचती है।
- स्थानीय स्तर पर चल रही पर्यावरण संरक्षण मुहिम में हिस्सा लें।
- परिवार, दोस्तों को सोशल मीडिया पर प्लास्टिक के नुकसान और पृथ्वी दिवस के बारे में जागरूक करें।
- पुरानी चीजों को रीयूज और रिसाइकिल करें—जैसे प्लास्टिक की बोतल में पौधा लगाना या पुराने कपड़ों से बैग बनाना।
इन छोटे छोटे कदमों से ही बड़ी मुहिम बनती है। यही सोच थी 'प्लैनेट बनाम प्लास्टिक' मुहिम के पीछे भी। दिन खत्म होने के बाद ये सवाल रह जाना चाहिए—क्या हम सच में आने वाली पीढ़ी के लिए एक साफ-सुथरी, सुरक्षित धरती छोड़ने की राह पर हैं?
Avinash Shukla
अप्रैल 22, 2025 AT 06:53Harsh Bhatt
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अप्रैल 28, 2025 AT 10:36Divya Anish
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