21 फरवरी 2025 को सोने की कीमत में उछाल, 24‑कैरेट 88,200 रुपये/10 ग्राम

जब 21 फरवरी 2025 का सोने‑चांदी कीमतों का उछालभारत देश भर में आया, तब 24‑कैरेट सोना 10 ग्राम पर 88,200 रुपये तक पहुँच गया। यही नहीं, 22‑कैरेट सोना भी 80,860 रुपये के स्तर पर व्यापार में था, जबकि चांदी की कीमत 1,00,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही। इस उछाल ने खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को चौंका दिया, क्योंकि एक ही दिन में कीमतों में लगभग 500 रुपये की छलांग देखी गई।
पृष्ठभूमि और बाजार संकेत
भाड़े के तेल की कीमतों में कमी, मौजूदा महंगाई दर, और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी ने इस सोने‑चांदी के मूल्य उछाल को एक अनुकूल पृष्ठभूमि दी। पिछले दो हफ्तों में 24‑कैरेट सोने की कीमतें क्रमशः 85,500 रुपये से 88,200 रुपये तक बढ़ी, जिससे निवेशकों ने सोने को सुरक्षित शरणस्थल के रूप में देखना शुरू किया।
हालाँकि, चांदी ने इस समय में थोड़ा‑बहुत बदलाव दिखाया; 1,00,400 रुपये प्रति किलोग्राम की स्थिरता बताती है कि बाजार में उसकी माँग अभी भी मध्यम स्तर पर है। इस बीच, भारत के प्रमुख प्रमुख शहरों में कीमतों के अंतर को समझना जरूरी है।
व्यापारिक कीमतें और शहरों में अंतर
दिल्ली में, 24‑कैरेट सोने की कीमत 88,200 रुपये तक पहुँच गई, जबकि 22‑कैरेट 80,860 रुपये पर ट्रेड हुआ। मुंबई में वही सोना 88,050 रुपये (24‑कैरेट) और 80,710 रुपये (22‑कैरेट) पर मिला। इसी तरह, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में कीमतें 87,800‑88,150 रुपये के बीच रही। दिल्ली और मुंबई के बीच 150 रुपये का अंतर, यानी लगभग 0.2 % का प्रीमियम, दर्शाता है कि राजधानी में माँग थोड़ा अधिक थी।
- 24‑कैरेट सोना: 88,200 रुपये (दिल्ली), 88,050 रुपये (मुंबई)
- 22‑कैरेट सोना: 80,860 रुपये (दिल्ली), 80,710 रुपये (मुंबई)
- चांदी: 1,00,400 रुपये प्रति किलोग्राम – सभी प्रमुख शहरों में समान
- एक दिन में औसत कीमत वृद्धि: ~500 रुपये
विशेषज्ञों की राय
अजय कुमार, मुख्य विश्लेषक इंडियन बुलियन एंड ज्वैलरी एसोसिएशन (IBJA) ने कहा कि "आज की कीमतें एक महत्त्वपूर्ण मोड़ को दर्शाती हैं। 24‑कैरेट सोने का 88,000 रुपये पार करना निवेशकों के विश्वास को बढ़ाता है, लेकिन यह भी संकेत देता है कि रिटेल खरीदारों को थोड़ा सावधान रहना चाहिए।"
दूसरी ओर, राकेश गुप्ता, अर्थशास्त्री इंडियन कस्टमर फ़ाइनेंस सेंटर ने अंदाज़ा लगाया कि "अगले दो‑तीन हफ्तों में सोने की कीमतें 90,000 रुपये की सीमा तक पहुँच सकती हैं, बशर्ते वैश्विक बाजार में जोखिम‑भरी प्रवृत्तियाँ बनी रहें। चांदी का स्थिर रहना संकेत देता है कि इसकी माँग अभी तक सोने की तरह नहीं बढ़ी है।"
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने अभी तक इस कीमत उछाल पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की, पर विशेषज्ञ मानते हैं कि मौद्रिक नीति में कोई बड़ा बदलाव न होने पर यह झटके जारी रह सकते हैं।
उपभोक्ताओं पर असर
जैसे ही कीमतें बढ़ती हैं, वे रिटेल बिक्री को सीधे प्रभावित करती हैं। कई ज्वैलरियों ने कहा कि इस शुक्रवार के बाद, ग्राहक अक्सर "आज ही खरीदूँ" पर ज़्यादा झुकाव दिखा रहे हैं, क्योंकि अगले सप्ताह में कीमतें और बढ़ने की संभावना है। दूसरे हाथ में, थोक व्यापारियों को 500‑रुपये की कीमत बढ़ोतरी से मार्जिन पर असर महसूस हो रहा है, इसलिए वे खरीद‑बिक्री की मात्रा घटा रहे हैं।
जिन परिवारों ने अभी तक सोना नहीं खरीदा, उनके लिए यह एक दोधारी तलवार बन गई है: अभी खरीदें तो कीमत घटने का जोखिम है, लेकिन इंतज़ार करने पर 1‑2 हज़ार रुपये प्रति ग्राम तक अतिरिक्त खर्च हो सकता है।
आगे की संभावनाएँ
विश्लेषकों के अनुसार, अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, और अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व ब्याज दरों को स्थिर रखता है, तो सोने की कीमतों में आगे भी ऊपर की ओर धक्के देखने को मिल सकते हैं। वहीं, यदि डॉलर फिर से मजबूत होता है, तो भारतीय सोने की कीमतें संगत रूप से नीचे आ सकती हैं।
शॉर्ट‑टर्म में, बैंकों और ब्रोकरों की सलाह है कि उपभोक्ता अपने बजट को ध्यान में रखते हुए, स्पष्ट मूल्य तुलना करके खरीदें। रिटेल ज्वैलर्स को भी अपनी मार्केटिंग रणनीति में "आज खरीदें, कल नहीं" पर ज़्यादा जोर देना चाहिए, क्योंकि उपभोक्ताओं की समय-सेन्सिटिविटी इस दौर में बहुत बढ़ी हुई है।
Frequently Asked Questions
सोने की कीमत में इस उछाल का मुख्य कारण क्या बताया गया?
विशेषज्ञ मानते हैं कि डॉलर की कमजोरी, तेल की कीमतों में गिरावट और महंगाई के कारण निवेशकों ने सोने को सुरक्षा साधन के रूप में चुना, जिससे कीमत में लगभग 500 रुपये की एक‑दिन की बढ़ोतरी देखी गई।
क्या चांदी की कीमतें भी सोने जैसी बढ़ेंगी?
वर्तमान में चांदी की कीमतें 1,00,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि चांदी का माँग स्तर अभी सोने जैसा नहीं है, इसलिए निकट भविष्य में बड़ी छलांग की संभावना कम है।
दिल्ली और मुंबई की कीमतों में अंतर क्यों है?
दिल्ली में माँग कुछ अधिक थी, खासकर सरकारी विभागों और बड़े ज्वैलर्स द्वारा, जिससे 24‑कैरेट सोने की कीमत 150 रुपये अधिक रही। मुंबई में व्यापारिक बारीकी और स्थानीय आधिक्य ने कीमतों को थोड़ा कम रखा।
यदि मैं अभी सोना खरीदना चाहता हूँ तो किस बात का ध्यान रखें?
सबसे पहले विश्वसनीय ज्वैलर से प्रमाणित रेटिंग चेक करें, फिर तय कर लें कि आप 24‑कैरेट या 22‑कैरेट में निवेश करेंगे। साथ ही, कीमत में संभावित अगले हफ्ते की बढ़ोतरी को ध्यान में रखकर, बजट का हिसाब‑किताब कर खरीदें।
भविष्य में सोने की कीमतें 90,000 रुपये से ऊपर जाने की कितनी संभावना है?
अधिकतर विश्लेषक मानते हैं कि अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जोखिम‑भरी स्थितियां बनी रहती हैं, तो अगले दो‑तीन हफ्तों में 90,000 रुपये की सीमा को छूना या पार करना संभव है।
Ira Indeikina
अक्तूबर 4, 2025 AT 00:33सोने की कीमत का उछाल सिर्फ एक संख्यात्मक वृद्धि नहीं, यह आर्थिक चेतावनी की गूँज है। जब 24‑कैरेट सोना 88,200 रुपये तक पहुँचता है, तो यह दर्शाता है कि निवेशकों की आत्म-रक्षा का स्तर बढ़ रहा है। यह वह क्षण है जब बाजार में अनिश्चितता के साए गहराते हैं, और लोग सोने को सुरक्षित आश्रय बनाते हैं। लेकिन इस तेज़ी से बढ़ती कीमतें आम जनता को दोधारी तलवार की तरह काट सकती हैं, क्योंकि उनका बजट हमेशा सीमित रहता है। इसलिए हमें इस उछाल को मात्र आंकड़ा नहीं, बल्कि आर्थिक मनोवैज्ञानिक परिवर्तन के रूप में देखना चाहिए।
Shashikiran R
अक्तूबर 4, 2025 AT 20:46अगर लोग सोना खरीदने में इतना झुकाव दिखाते हैं तो समाज में लालच की बीमारी फिर से उन्भरती है, और हम सबको बताना चाहिए कि इस तरह की मूर्खतापूर्ण खर्चीली हरकतें नैतिक रूप से गलत है। आधी रात में भी सवयीं नहीं बदलेंगी, फिर भी हर कोई ऐसा सोचा लगता है कि सोना खरीदना ही धनी बनना है। यह बेवकूफी है कि अचानक बढ़ती कीमतों में भागें बिना यह सोचे कि अगले महीने या साल में क्या होगा। हमें ये समझना चाहिए कि असली संपत्ति हमारे अपने मूल्यों में है, न कि एक धातु के ग्राम में।
SURAJ ASHISH
अक्तूबर 6, 2025 AT 00:33इधर-उधर के बाजार में एही उछाल, बाकी सब बेकार।