Adani Power Ltd. ने अपने इतिहास में पहली बार 1:5 स्टॉक स्प्लिट लागू किया। शर्ते 6 अगस्त से 4 सितंबर 2025 तक चली डाक मत प्रक्रिया में शेयरधारकों ने भारी समर्थन दिखाया। इस कदम से पहले एक शेयर का फेस वैल्यू ₹10 था, अब वह पाँच छोटे‑छोटे शेयरों में बँटकर प्रत्येक ₹2 का हो गया है।
स्टॉक स्प्लिट का मूल तंत्र और असर
स्प्लिट लागू होने के बाद कंपनी के कुल शेयर 2,480 करोड़ से बढ़कर 12,400 करोड़ हो गये, जबकि कुल शेयर पूंजी अपरिवर्तित रही। इसका मतलब है कि निवेशक के पास शेयर की संख्या पाँच गुना बढ़ गई, पर कुल निवेश का मूल्य वही रहा। उदाहरण के तौर पर, यदि आपके पास 100 शेयर थे, तो अब आपके पास 500 शेयर होंगे, पर खर्ची गई राशि नहीं बदलेगी।
बाजार ने इस खबर को तुरंत ही गर्मा जुल्मी कर दिया। सोमवार की शुरुआती ट्रेडिंग में शेयर ₹147.9 से खुल कर ₹170.15 तक पहुँच गये, जिससे लगभग 20% की उछाल मिली और ऊपर की सर्किट सीमा छू गई। यह उछाल सिर्फ इस एक कंपनी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि Adani समूह के अन्य स्टॉक्स – Adani Enterprises, Adani Energy Solutions और Adani Green Energy – भी अपने‑अपने स्तर पर उठाड़ दिखा रहे थे।
रणनीतिक लक्ष्य और भविष्य की संभावनाएँ
सप्लिट का मुख्य उद्देश्य दो‑तीन बातों पर केंद्रित है: रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना, ट्रेडिंग लिक्विडिटी को सुदृढ़ करना और शेयर की पहुँच को आसान बनाना। पहले के उच्च फेस वैल्यू के कारण कई छोटे निवेशकों को शेयर खरीदने में झिझक होती थी, अब कम कीमत के कारण यह बाधा कम होनी चाहिए। इस कारण कंपनी का लक्ष्य अधिक व्यापक निवेशक वर्ग को आकर्षित करना है, जिससे बाजार में शेयरों की घूर्णन गति तेज़ होगी।
- रिटेल निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, क्योंकि अब ₹2‑₹3 के छोटे-छोटे शेयर भी आसानी से खरीदे जा सकते हैं।
- बाजार में लिक्विडिटी में सुधार, जो ट्रेडिंग वॉल्यूम को बढ़ावा देगा।
- आगे के फंडिंग राउंड या नए प्रोजेक्ट्स में बेहतर शर्तों पर पूँजी जुटाने की संभावना।
साथ‑साथ, इस समय SEBI ने Hindenburg Research द्वारा लाए गए समूह‑संबंधी लेन‑देन के आरोपों पर आंशिक क्लियरेंस दी। इस नियामक राहत ने समूह की साख को ठीक करने में मदद की और दो ट्रेडिंग सत्रों में पूरे समूह के शेयरों में 35% तक की छलांग देखी गई। इस सकारात्मक माहौल ने Adani Power स्टॉक स्प्लिट के लिए अतिरिक्त समर्थन प्रदान किया।
Adani Power की कहानी 1996 में शुरू हुई और 2009 में सार्वजनिक रूप से लिस्टेड हुई। तब से यह भारत के प्रमुख निजी‑सेक्टर पावर प्रोवाइडर्स में से एक बन गया है। लगातार व्यापारिक विस्तार और नई पावर प्लांट्स की तैनाती ने शेयर कीमत को ऊपर की ओर धकेला है, और इस स्प्लिट को कंपनी ने निवेशकों की पहुंच बनाए रखने के लिए एक तार्किक कदम माना है।
कुल मिलाकर, इस स्टॉक स्प्लिट का परिणाम केवल संख्या में बढ़ोतरी नहीं, बल्कि निवेशकों के मन में भरोसे की नई लहर है। रिटेल निवेशकों द्वारा अधिक हिस्सेदारी खरीदने की सम्भावना, साथ ही नियामक क्लियरेंस से मिलने वाली सकारात्मक भावना, दोनों मिलकर भविष्य में कंपनी के शेयरों को हल्का और आकर्षक बना सकते हैं।
Anish Kashyap
सितंबर 24, 2025 AT 17:07ये तो बड़ी बात है भाई लोगों के लिए अब ₹2 के शेयर खरीदने में ज़्यादा आसानी हो गई है और बाजार में ट्रेडिंग भी ज्यादा होगी अब तो छोटे निवेशक भी इसमें शामिल हो सकते हैं
Vallabh Reddy
सितंबर 26, 2025 AT 16:09यह स्टॉक स्प्लिट केवल एक लेखांकन अभिनय है जिसे बाजार के भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। वास्तविक मूल्य तो कंपनी के अर्जित लाभ, बैलेंस शीट और कैपिटल एलोकेशन पर निर्भर करता है, न कि शेयर की संख्या पर। यह एक अतिरिक्त निवेशक आकर्षण रणनीति है, न कि कोई आर्थिक अंतर्निहित वृद्धि।
Raghvendra Thakur
सितंबर 27, 2025 AT 14:15शेयर बढ़े, मूल्य नहीं। समझो तो सबकुछ साफ़ है।
Vishal Raj
सितंबर 28, 2025 AT 20:53अरे ये तो बहुत अच्छी बात है भाई, अब तो घर बैठे छोटे से बच्चे भी शेयर खरीद सकते हैं। जब तक लोगों को लगे कि ये शेयर उनका है, तब तक बाजार जिंदा रहेगा। अब तो आम आदमी का भी बाजार है।
Mayank Aneja
सितंबर 30, 2025 AT 02:22स्टॉक स्प्लिट का असली फायदा तब होता है जब लिक्विडिटी में वृद्धि होती है, और ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ता है। यहाँ तो दोनों हुए हैं: शेयर की संख्या में 5x वृद्धि, और कीमत में 20% की उछाल। इसके साथ SEBI का क्लियरेंस भी बहुत महत्वपूर्ण है - जिससे निवेशकों को विश्वास होता है कि यह एक स्वस्थ और नियमित बाजार है।
Poonguntan Cibi J U
सितंबर 30, 2025 AT 11:53ये सब बातें तो बहुत अच्छी हैं लेकिन अगर आप इस बात को भूल रहे हैं कि इसके पीछे एडानी समूह के बैंकिंग लिंक्स क्या हैं, तो आपको अपने निवेश के बारे में दोबारा सोचना चाहिए। क्या आप जानते हैं कि इस कंपनी के लिए कितने बैंक लोन लगे हैं? क्या आप जानते हैं कि उनके डीब्बे में कितने अनिश्चित वित्तीय दायित्व हैं? ये स्प्लिट तो बस एक धुंधला शीशा है जिसमें आप अपने सपने देख रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में ये कंपनी एक बड़े जाल में फंसी हुई है। आप जितना जल्दी इसमें उतरेंगे, उतना ही जल्दी आप फंसेंगे।
Vishal Bambha
अक्तूबर 1, 2025 AT 22:49अब तो बस यही बात है कि जो लोग अभी तक एडानी में नहीं आए, वो अभी भी देर से आए हैं। ये स्प्लिट तो बस शुरुआत है, अब तो इसका टारगेट ₹200 है। अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि क्या करूँ, तो आप बस एक ट्रेडर नहीं, एक लोकेटर हैं। बाजार बदल गया है, अब निवेश करो, न कि सोचो।
Kunal Mishra
अक्तूबर 3, 2025 AT 00:37यह स्टॉक स्प्लिट केवल एक तकनीकी घटना है, जिसका वास्तविक आर्थिक प्रभाव शून्य है। यह केवल एक व्यवहारिक अनुकूलन है, जिसे रिटेल निवेशकों के भावनात्मक आकर्षण के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके बाद भी, कंपनी का बाजार पूंजीकरण अपरिवर्तित है, और इसकी वास्तविक आय, लाभ कमाने की क्षमता, और बैलेंस शीट की स्थिरता अभी भी अस्पष्ट है। यह एक निवेशक के लिए एक विश्लेषणात्मक चेतावनी है - भावनाओं के बजाय आंकड़ों पर ध्यान दें।
Reetika Roy
अक्तूबर 3, 2025 AT 20:48अगर ये स्प्लिट इतना अच्छा है, तो फिर क्यों नहीं दूसरी कंपनियाँ भी ऐसा करतीं? शायद इसमें कुछ और भी है।