Adani Power का ऐतिहासिक 1:5 स्टॉक स्प्लिट, शेयरों में 20% उछाल

Adani Power का ऐतिहासिक 1:5 स्टॉक स्प्लिट, शेयरों में 20% उछाल सित॰, 23 2025

Adani Power Ltd. ने अपने इतिहास में पहली बार 1:5 स्टॉक स्प्लिट लागू किया। शर्ते 6 अगस्त से 4 सितंबर 2025 तक चली डाक मत प्रक्रिया में शेयरधारकों ने भारी समर्थन दिखाया। इस कदम से पहले एक शेयर का फेस वैल्यू ₹10 था, अब वह पाँच छोटे‑छोटे शेयरों में बँटकर प्रत्येक ₹2 का हो गया है।

स्टॉक स्प्लिट का मूल तंत्र और असर

स्प्लिट लागू होने के बाद कंपनी के कुल शेयर 2,480 करोड़ से बढ़कर 12,400 करोड़ हो गये, जबकि कुल शेयर पूंजी अपरिवर्तित रही। इसका मतलब है कि निवेशक के पास शेयर की संख्या पाँच गुना बढ़ गई, पर कुल निवेश का मूल्य वही रहा। उदाहरण के तौर पर, यदि आपके पास 100 शेयर थे, तो अब आपके पास 500 शेयर होंगे, पर खर्ची गई राशि नहीं बदलेगी।

बाजार ने इस खबर को तुरंत ही गर्मा जुल्मी कर दिया। सोमवार की शुरुआती ट्रेडिंग में शेयर ₹147.9 से खुल कर ₹170.15 तक पहुँच गये, जिससे लगभग 20% की उछाल मिली और ऊपर की सर्किट सीमा छू गई। यह उछाल सिर्फ इस एक कंपनी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि Adani समूह के अन्य स्टॉक्स – Adani Enterprises, Adani Energy Solutions और Adani Green Energy – भी अपने‑अपने स्तर पर उठाड़ दिखा रहे थे।

रणनीतिक लक्ष्य और भविष्य की संभावनाएँ

रणनीतिक लक्ष्य और भविष्य की संभावनाएँ

सप्लिट का मुख्य उद्देश्य दो‑तीन बातों पर केंद्रित है: रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना, ट्रेडिंग लिक्विडिटी को सुदृढ़ करना और शेयर की पहुँच को आसान बनाना। पहले के उच्च फेस वैल्यू के कारण कई छोटे निवेशकों को शेयर खरीदने में झिझक होती थी, अब कम कीमत के कारण यह बाधा कम होनी चाहिए। इस कारण कंपनी का लक्ष्य अधिक व्यापक निवेशक वर्ग को आकर्षित करना है, जिससे बाजार में शेयरों की घूर्णन गति तेज़ होगी।

  • रिटेल निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, क्योंकि अब ₹2‑₹3 के छोटे-छोटे शेयर भी आसानी से खरीदे जा सकते हैं।
  • बाजार में लिक्विडिटी में सुधार, जो ट्रेडिंग वॉल्यूम को बढ़ावा देगा।
  • आगे के फंडिंग राउंड या नए प्रोजेक्ट्स में बेहतर शर्तों पर पूँजी जुटाने की संभावना।

साथ‑साथ, इस समय SEBI ने Hindenburg Research द्वारा लाए गए समूह‑संबंधी लेन‑देन के आरोपों पर आंशिक क्लियरेंस दी। इस नियामक राहत ने समूह की साख को ठीक करने में मदद की और दो ट्रेडिंग सत्रों में पूरे समूह के शेयरों में 35% तक की छलांग देखी गई। इस सकारात्मक माहौल ने Adani Power स्टॉक स्प्लिट के लिए अतिरिक्त समर्थन प्रदान किया।

Adani Power की कहानी 1996 में शुरू हुई और 2009 में सार्वजनिक रूप से लिस्टेड हुई। तब से यह भारत के प्रमुख निजी‑सेक्टर पावर प्रोवाइडर्स में से एक बन गया है। लगातार व्यापारिक विस्तार और नई पावर प्लांट्स की तैनाती ने शेयर कीमत को ऊपर की ओर धकेला है, और इस स्प्लिट को कंपनी ने निवेशकों की पहुंच बनाए रखने के लिए एक तार्किक कदम माना है।

कुल मिलाकर, इस स्टॉक स्प्लिट का परिणाम केवल संख्या में बढ़ोतरी नहीं, बल्कि निवेशकों के मन में भरोसे की नई लहर है। रिटेल निवेशकों द्वारा अधिक हिस्सेदारी खरीदने की सम्भावना, साथ ही नियामक क्लियरेंस से मिलने वाली सकारात्मक भावना, दोनों मिलकर भविष्य में कंपनी के शेयरों को हल्का और आकर्षक बना सकते हैं।