Bengaluru में Amazon Future Engineer Makerspace, 4,000+ छात्रों को 2025 तक तैयार

जब Amazon ने अपना पहला Amazon Future Engineer Makerspace बेंगलुरु में लॉन्च किया, तो शहर के कई सरकारी स्कूलों के छात्रों ने तुरंत इस नई अवसर की ओर इशारा किया। यह 3,000 वर्ग फुट का हाई‑टेक लैब 2024 के अंत में खुला, और 2025 तक 4,000 से अधिक किशोरों को रोबोटिक्स, AI और 3D‑प्रिंटिंग में हाथ‑से‑काम करने का मौका देने की लक्ष्य रखता है।
प्रोजेक्ट की पृष्ठभूमि
Amazon का Future Engineer ProgrammeBengaluru 2018 से भारत में चल रहा है, लेकिन बेंगलुरु में इस तरह का समर्पित मेकर्स्पेस अब तक नहीं था। भारत‑लीड अक्षय कश्यप, India Lead of Amazon ने कहा, “Makerspaces वही नई पीढ़ी के लिए प्रयोगशालाएँ हैं जहाँ वे सपनों को वास्तविक प्रोटोटाइप में बदल सकते हैं।”
मेकर्स्पेस के मुख्य फीचर
बेंगलुरु में स्थित यह सुविधा The Innovation Story के साथ साझेदारी में तैयार की गई है। तीन स्तर के प्रोग्राम — Nano Sprints, Mini Sprints, और Mega Sprints — छात्रों की क्षमताओं के अनुसार डिजाइन किए गए हैं:
- Nano Sprints: 3‑4 घंटे की एक‑दिन की कार्यशालाएँ, शुरुआती रोबोटिक्स और बेसिक कोडिंग पर केंद्रित।
- Mini Sprints: दो‑दिन की 6‑घंटे की कोर्स, उन्नत रोबोटिक्स, प्रोटोटाइपिंग और डिज़ाइन थिंकिंग को गहराई से समझाते हैं।
- Mega Sprints: कई महीने चलने वाले प्रोजेक्ट, जहाँ छात्र टीम बनाकर रोबोटिक चैलेंज में भाग लेते हैं और वास्तविक प्रतियोगिताओं के लिए तैयार होते हैं।
हर प्रोग्राम में मेंटर‑शिप, कोडिंग टूलकिट, और 3D‑प्रिंटर जैसे उपकरण शामिल हैं। छात्रों को अपने रोबोट की डिजाइन, असेंबली और टेस्टिंग के लिए विशेष क्षेत्र भी उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे सीखने की प्रक्रिया पूरी तरह से ‘हाथ‑से‑काम’ बन जाती है।
साझेदारियाँ और अब तक का प्रभाव
Amazon ने अभी तक 11 गैर‑लाभकारी संगठनों के साथ मिलकर 17,000 से अधिक सरकारी स्कूलों में कंप्यूट़र साइंस शिक्षा पहुंचाई है। इन प्रयासों से लगभग 2.9 मिलियन छात्रों को लाभ हुआ, और 16,000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। इस बड़े नेटवर्क के चलते बेंगलुरु के इस सिंगल मेकर्स्पेस को भी जल्दी से स्केल‑अप करने की उम्मीद है।
दक्षिण भारत में कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में पहले से ही कई छोटे‑बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं, और सरकार के साथ मिलकर नीति‑निर्माण में भी Amazon का योगदान है। अक्षय कश्यप ने कहा, “डिजिटल इक्विटी सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक वास्तविक बदलाव है जो हम हर कक्षा में ला रहे हैं।”

छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
पहली बैच की रिपोर्ट से पता चलता है कि 85 % छात्रों ने कहा कि वे अब कोडिंग को ‘रोचक’ समझते हैं, जबकि 78 % अभिभावकों ने महसूस किया कि उनके बच्चों में समस्या‑समाधान कौशल में उल्लेखनीय सुधार आया। एक छात्र, 12‑वर्षीय राजेश (ग्राम पंछी, कर्नाटक), ने उत्साह से कहा, “मैं अब अपने स्कूल के रोबोटिक क्लब का नेता बनना चाहता हूँ।”
भविष्य की दिशा और रिकॉर्डिंग प्रक्रिया
बेंगलुरु मेकर्स्पेस के लिए पंजीकरण प्रक्रिया सरल रखी गई है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक [email protected] पर ई‑मेल करके अपने छात्रों को नामांकित कर सकते हैं। इसके अलावा, स्कूलों को इस सुविधा का वर्चुअल टूर भी दिया जाता है ताकि वे प्रोग्राम के विभिन्न मोड्यूल को समझ सकें।
अंत में, Amazon ने कहा है कि 2025 की अंतिम तिथि तक 4,000 से अधिक छात्रों को ‘महान विचारों को प्रोटोटाइप में बदलने’ के लिए तैयार किया जाएगा, जिससे भारत के टेक टैलेंट पूल में एक नई लहर आएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
कौन-कौन इस मेकर्स्पेस में भाग ले सकते हैं?
बेंगलुरु के आसपास स्थित सरकारी स्कूलों के 5‑12 वर्ग के छात्र, विशेषकर जिनके परिवार की आय कम है, इस कार्यक्रम के लिए पात्र हैं। शिक्षक पंजीकरण के लिए ई‑मेल के जरिए आवेदन कर सकते हैं।
Nano, Mini और Mega Sprints में क्या अंतर है?
Nano Sprints एक‑दिन की 3‑4 घंटे की कार्यशाला है, जबकि Mini Sprints दो‑दिन की 6‑घंटे की विस्तृत कोर्स है। Mega Sprints कई महीनों तक चलने वाला प्रोजेक्ट है, जिसमें छात्र टीम बनाकर प्रतियोगिताओं के लिए रोबोट बनाते हैं।
इस मेकर्स्पेस का मूल उद्देश्य क्या है?
मुख्य लक्ष्य डिजिटल इक्विटी को बढ़ावा देना, कम‑आय वाले छात्रों को हाई‑टेक कौशल प्रदान करना और भारत में भविष्य के टेक‑लीडरों की तालिका तैयार करना है।
क्या मेकर्स्पेस के बाहर भी कोई ऑनलाइन संसाधन उपलब्ध है?
हां, The Innovation Story और Amazon द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल और कोडिंग गाइड छात्रों को घर पर भी अभ्यास करने में मदद करते हैं। ये संसाधन मेकर्स्पेस की वेबसाइट पर मुफ्त में उपलब्ध हैं।
अगले दो साल में इस पहल के लिए क्या योजना है?
अधिकतम 4,000 छात्रों को प्रशिक्षित करने के बाद, Amazon इस मॉडल को दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे अन्य प्रमुख शहरों में दोहराने की सोच रहा है, ताकि राष्ट्रव्यापी स्तर पर डिजिटल स्किल्स का विस्तार हो सके।
Gurjeet Chhabra
अक्तूबर 7, 2025 AT 05:16बेंगलुरु में नया मेकर्स्पेस बच्चों को सीधे हाथ‑से‑काम का मौका दे रहा है यह बहुत अच्छा मौका है