भारत-नेपाल सीमा पर स्वतंत्रता दिवस से पहले सख्त त्रिस्तरीय जांच, महाराजगंज पर बढ़ा सुरक्षा घेरा

स्वतंत्रता दिवस नजदीक, सीमाओं पर चौकसी चरम पर
हर साल 15 अगस्त आते ही देशभर की सीमाएं अलर्ट मोड पर आ जाती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की भारत-नेपाल सीमा की बात हो तो सतर्कता का स्तर अलग ही होता है। वजह साफ है—सीमा की लोकेशन ऐसी है कि यहां से गैरकानूनी गतिविधियों की आशंका हमेशा बनी रहती है। इस बार असामाजिक तत्वों की संभावित घुसपैठ रोकने के लिए त्रिस्तरीय जांच का पूरा सिस्टम तैनात किया गया है।
सीमा पर पैरामिलिट्री फोर्स, स्थानीय पुलिस और कस्टम विभाग की संयुक्त पेट्रोलिंग बाटजो जैसे गांवों से लेकर मुख्य चेकपोस्ट तक—हर जगह कई गुना बढ़ा दी गई है। पैदल गश्त के साथ-साथ ड्रोन कैमरों और नाइट विजन इक्विपमेंट से भी निगरानी की जा रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, हर वाहन, व्यक्ति और माल की बारीकी से जांच हो रही है। फर्जी पहचान पत्र, संदिग्ध बैग या बिना वैध दस्तावेज के आने-जाने की कोशिश मिलते ही सख्त कार्रवाई की जा रही है।
सीमा पर त्रिस्तरीय जांच का सिस्टम
त्रिस्तरीय जांच यानी तीन परतों में नजरदारी। पहली लेयर—सीमा से सटे गांवों में पुलिस और एसएसबी की गश्त। दूसरी—बॉर्डर गेट और क्रॉसिंग पॉइंट पर फिक्स चेकपोस्ट, जहां हर व्यक्ति और वाहन की जांच अनिवार्य। तीसरी लेयर—सीमा से कुछ किलोमीटर भीतर बने अस्थायी चेकपॉइंट, जो पूरे इलाके में मूवमेंट पर नजर रखते हैं।
- दिन-रात गश्त और चौकसी, किसी भी संदिग्ध पर तुरंत पूछताछ।
- बीएसएफ, एसएसबी और यूपी पुलिस की टीमों का साझा ऑपरेशन।
- नई तकनीक से रियल-टाइम निगरानी, जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई।
महराजगंज के एसपी ने बयान में साफ किया कि त्योहार के दौरान किसी भी तरह की चूक बर्दाश्त नहीं होगी। बॉर्डर के पार नेपाल में भी सुरक्षा एजेंसियों के साथ तालमेल बढ़ाया गया है ताकि अगर कोई संदिग्ध सीमा पार करता भी है, तो उसे तत्काल ट्रैक और डिटेन किया जा सके।
बीते कुछ दिनों में कई लोगों को सीमा पर बिना दस्तावेज पकड़ा गया है, जिनकी जांच की जा रही है। महराजगंज और आस-पास के जिलों में रातभर पुलिस और सुरक्षा बल मुस्तैद हैं। सुरक्षा व्यवस्था देखने स्वयं प्रशासनिक अधिकारी भी सीमा का दौरा कर रहे हैं। संदेह के आधार पर बगैर पहचान वाले कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
हर सावन, हर तीज-त्योहार की तरह स्वतंत्रता दिवस भी सीमावर्ती इलाकों के लिए चुनौती बन जाता है। लेकिन इस बार प्रशासन ने अपनी तैयारियों का सबूत हर चेकपोस्ट पर अपनी मौजूदगी से दे दिया है।