BMW दुर्घटना: शिवसेना नेता और ड्राइवर हिरासत में
दादर सिवरी के एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शिवसेना नेता राजेश शाह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में और उनके ड्राइवर राजरुषि बिडावत को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने पुत्र मिहिर शाह को फरार होने में मदद की, जो वर्ली में हुई एक हिट-एंड-रन दुर्घटना में शामिल थे। इस दुर्घटना में 45 वर्षीय कावेरी नखवा की मौत हो गई और उनके पति प्रदीप घायल हो गए। घटना रविवार की सुबह हुई जब मिहिर शाह द्वारा चलाए जा रहे BMW ने डॉ. एनी बिसेंट रोड पर एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी।
घटना से हटकर, पुलिस द्वारा पता चला कि मिहिर शाह उस रात जुहू के एक पब में अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहे थे। पुलिस ने उनके साथ उस रात मौजूद तीन दोस्तों के बयान भी लिए हैं।
फरारी के बाद की घटनाएं
राजेश शाह ने दुर्घटना के बाद अपने बेटे मिहिर को कई बार कॉल की थी। मुंबई पुलिस ने मिहिर शाह को गिरफ्तार करने के लिए 14 टीम बनाई हैं और उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
| विवरण | सूचना |
|---|---|
| हिरासत की अवधि | 14 दिन |
| लुकआउट नोटिस जारी | हां |
| बाकी | अभी भी फरार |
राजेश शाह के वकील सुदीर भारद्वाज ने सिवरी कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की है।
पुलिस का प्रयास
इस दुर्घटना ने मुंबई शहर को हिला कर रख दिया है, जिसमें एक निर्दोष जीवन समाप्त हो गया और एक परिवार को अपूरणीय क्षति पहुँची। मुंबई पुलिस ने संकेत दिया है कि मिहिर शाह जल्दी ही उसकी गिरफ्त में होगा। समाज का दबाव और पीड़ित परिवार की दर्दनाक कहानी ने पुलिस के प्रयासों में तेजी लाई है। यह मामला न केवल एक कानूनी चुनौती है, बल्कि समाज में न्याय के प्रति विश्वास बनाए रखने की जिम्मेदारी भी है। सबकी निगाहें अब मिहिर शाह की गिरफ्तारी पर टिकी हैं।
Ron DeRegules
जुलाई 10, 2024 AT 00:40ये बात तो सबको पता है कि जब कोई अमीर आदमी गलती करता है तो उसके परिवार और दोस्त उसे छुपाने की पूरी कोशिश करते हैं। बस ये नहीं समझते कि एक जिंदगी का नुकसान किसी भी पैसे से नहीं भर सकता।
मिहिर शाह जैसे लोगों को अभी तक नहीं पता कि दुनिया में उनके बराबर कोई नहीं है। वो सोचते हैं कि बीएमडब्ल्यू चलाना ही उनकी पहचान है।
लेकिन असली पहचान तो वो होती है जब तुम अपनी गलती का जिम्मेदारी लेते हो।
अब तो उसके पिता और ड्राइवर भी जेल में हैं। ये सब तो बस उसके लिए बचाव का हिस्सा है।
पुलिस को बस एक बात करनी है - अगर वो फरार हो गया तो उसका पूरा परिवार और उसके दोस्तों के खिलाफ कार्रवाई करो।
इस तरह की घटनाओं में कोई भी अपनी जिम्मेदारी नहीं लेता।
क्या हम अभी भी ये सोच रहे हैं कि अमीर लोग कानून से ऊपर हैं?
नहीं भाई, ये सब बस एक नाटक है।
हर दिन एक नया नाम आता है और हर दिन एक नया बचाव बनता है।
लेकिन वो जो मर गया, वो कभी वापस नहीं आएगा।
उसकी पत्नी के चेहरे पर आंखों में आंसू देखो, वो तुम्हारे बीएमडब्ल्यू के टायर के नीचे दब गया।
अब तुम बस जेल में बैठे हो और ये सोच रहे हो कि तुम बच जाओगे।
कानून तुम्हारे खिलाफ है।
हम तुम्हारे लिए नहीं, हम उस लड़की के लिए लड़ रहे हैं।
उसके बच्चे के लिए।
Manasi Tamboli
जुलाई 11, 2024 AT 01:08इस दुनिया में सब कुछ एक भावना का नतीजा है... अमीरी का भाव, शक्ति का भाव, निर्दयता का भाव।
मिहिर शाह ने जिस रात बीएमडब्ल्यू चलाई, वो शायद सोच रहा था कि वो एक नायक है।
लेकिन वास्तव में वो एक भावनात्मक अंधेरे का प्रतीक है।
जिस रात वो पार्टी कर रहा था, उसी रात एक महिला अपने पति के साथ घर लौट रही थी।
वो भावना जो उसने खो दी, वो कभी वापस नहीं आएगी।
हम लोग अपने जीवन को एक बीएमडब्ल्यू के टायर के नीचे दबा रहे हैं।
और फिर अपने नाम को बचाने के लिए जेल में बैठ जाते हैं।
क्या ये न्याय है? ये तो बस एक भावनात्मक चोरी है।
जिस आत्मा को छीन लिया गया, वो अब एक नाम बन गई है।
कावेरी... ये नाम अब एक आवाज है जो सारे शहर को डरा रही है।
हम सब उस आवाज को नज़रअंदाज कर रहे हैं।
लेकिन वो आवाज अब हमारे दिल में बस गई है।
हम उसे भूल नहीं सकते।
क्योंकि वो हमारे अंदर की न्याय की आवाज है।
Ashish Shrestha
जुलाई 11, 2024 AT 17:51यह मामला एक स्पष्ट उदाहरण है कि भारतीय सामाजिक वर्गीकरण कैसे कानून के व्यवहार को प्रभावित करता है।
एक व्यक्ति के परिवार के राजनीतिक प्रभाव और आर्थिक संसाधनों के आधार पर न्याय की गति और प्रकृति निर्धारित होती है।
पुलिस के द्वारा लुकआउट नोटिस जारी करना एक औपचारिक चरण है, लेकिन वास्तविक न्याय तब तक नहीं होगा जब तक आरोपी का शरीर नहीं मिल जाता।
इस मामले में आरोपी के अनुपस्थिति के कारण न्यायिक प्रक्रिया अस्थिर है।
वकील द्वारा जमानत याचिका दायर करना एक ताकतवर व्यक्ति के अधिकारों का अभिव्यक्ति है।
इसका अर्थ यह नहीं कि उसका बचाव न्यायसंगत है।
यह केवल इस बात का संकेत है कि वर्ग आधारित असमानता अभी भी जीवित है।
पीड़ित परिवार के लिए यह एक दर्दनाक विरोधाभास है।
एक व्यक्ति जो जीवन खो चुका है, और एक व्यक्ति जो अभी भी अपनी राजनीतिक स्थिति का उपयोग कर रहा है।
यह न्याय की अवधारणा को अस्वीकार करने का एक उदाहरण है।
यह न्याय की अवधारणा को अस्वीकार करने का एक उदाहरण है।
अगर आरोपी एक सामान्य व्यक्ति होता, तो उसकी गिरफ्तारी घटना के तुरंत बाद हो जाती।
लेकिन यहां अमीरी ने न्याय को धोखा दे दिया।
यह एक अस्वीकार्य विफलता है।
इस तरह की घटनाएं भारतीय न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता को चुनौती देती हैं।
Mallikarjun Choukimath
जुलाई 12, 2024 AT 11:38यह घटना एक निर्मम दर्शन की ओर इशारा करती है - जहां शक्ति के बल से न्याय को दबाया जाता है।
मिहिर शाह ने जिस रात बीएमडब्ल्यू चलाई, वो शायद खुद को एक नया राजा मान रहा था।
लेकिन राजा वो नहीं होता जो बीएमडब्ल्यू चलाता है, बल्कि वो होता है जो अपने दोष को स्वीकार करता है।
कावेरी का नाम अब एक शास्त्रीय नाम बन गया है - एक न्याय की आहट, एक जागृति का संकेत।
उसके पति के चेहरे पर जो आंखें हैं, वो एक ऐसी निर्मम निर्माण की ओर इशारा करती हैं जिसे दुनिया ने भूल दिया।
हम लोग अपने घरों में बैठकर इसे बहस का विषय बना रहे हैं, लेकिन उसके लिए ये जीवन का अंत था।
क्या ये न्याय है? नहीं।
ये तो एक निर्मम अत्याचार है।
एक बच्चे का जन्म जिसने उस रात देखा, वो अब अपने माता-पिता के बिना बड़ा होगा।
और उसके बाद का जीवन क्या होगा? एक जिम्मेदारी का अभाव।
जब एक व्यक्ति अपनी गलती को छुपाने के लिए अपने पिता को जेल में भेजता है, तो वो न्याय के बजाय एक भावनात्मक नाटक खेल रहा है।
ये भारत की वह तस्वीर है जिसे हम देखने से डरते हैं।
ये वह दर्द है जिसे हम अपने लिए बनाते हैं।
क्या आप जानते हैं कि एक जिंदगी के लिए जिम्मेदारी लेना कितना मुश्किल होता है?
ये नहीं कि आप फरार हो जाएं, बल्कि ये है कि आप अपने आप को देखें।
क्या आप अपने आप को देख सकते हैं?
Sitara Nair
जुलाई 14, 2024 AT 04:05ये सब बहुत दुखद है... 😢
मैं तो सोच रही थी कि क्या होगा अगर मेरा कोई परिवार जन या दोस्त ऐसी ही घटना में शिकार हो जाए...
मैं बस रो दूंगी।
कावेरी की तस्वीर देखकर मुझे लगा जैसे मेरी बहन हो गई हो।
उसके पति के चेहरे पर जो दर्द है, वो बोल रहा है बिना बोले।
मिहिर शाह के पिता को जेल में डालना तो बहुत अच्छा हुआ, लेकिन असली आरोपी तो फरार है।
ये तो बस एक धोखा है।
क्या हम इतने बेवकूफ हैं कि ये सब ठीक मान लें?
मैं तो अभी तक रो रही हूं।
मैंने इस बारे में अपने दोस्तों के साथ बात की, और सब ने कहा कि ये भारत की असली तस्वीर है।
कोई भी अमीर आदमी गलती कर ले, और वो बच जाता है।
लेकिन जो आम आदमी है, उसके लिए तो एक छोटी सी गलती भी जेल का कारण बन जाती है।
ये न्याय नहीं, ये तो अन्याय है।
हमें अपनी आवाज उठानी होगी।
हमें इसे नहीं भूलना होगा।
कावेरी का नाम हमेशा याद रखेंगे।
❤️🙏
Abhishek Abhishek
जुलाई 15, 2024 AT 08:10अरे भाई, ये सब तो बस एक बीएमडब्ल्यू का मामला है।
क्या तुमने कभी एक बीएमडब्ल्यू के लिए एक लाख रुपये खर्च किए हैं?
अगर नहीं तो तुम इसका मतलब नहीं समझ सकते।
ये लोग बस अपनी जिंदगी जी रहे हैं।
अगर उन्होंने किसी को टक्कर मार दी, तो वो भी एक दुर्घटना है।
हर दिन 50 लोग गाड़ी से मरते हैं।
क्यों इसी पर इतना शोर कर रहे हो?
ये सब तो बस एक बाहरी चित्र है।
तुम लोग इसे बड़ा बना रहे हो।
ये तो बस एक आम घटना है।
मैंने अपने दोस्त को एक बार बीएमडब्ल्यू में चलाया था, और वो एक बार रास्ते में रुक गया।
क्या उसे भी जेल में डाल देना चाहिए?
ये सब तो बस एक नज़रिया है।
क्या तुम इतने नाराज हो कि तुम एक बीएमडब्ल्यू के खिलाफ हो?
मैं तो बस एक अलग नज़रिया दे रहा हूं।
Avinash Shukla
जुलाई 15, 2024 AT 18:08मुझे लगता है कि इस मामले में हर कोई दर्द महसूस कर रहा है।
पीड़ित परिवार के लिए ये बहुत कठिन है।
लेकिन हमें ये भी समझना चाहिए कि आरोपी के परिवार के लिए भी ये एक बड़ा झटका है।
मैं नहीं कह रहा कि गलती सही है।
लेकिन अगर हम इसे एक अपराध के रूप में देखेंगे, तो हम इसके पीछे के दर्द को नहीं देख पाएंगे।
शायद मिहिर शाह ने इसे एक गलती समझा।
शायद वो डर गया।
शायद वो जानता था कि इसका असर क्या होगा।
लेकिन उसने भागने का फैसला किया।
ये एक बहुत बड़ी गलती है।
लेकिन हमें उसके लिए भी एक रास्ता देना चाहिए।
अगर हम उसे बर्बाद कर देंगे, तो ये न्याय नहीं होगा।
ये तो बस एक बदला होगा।
हमें न्याय चाहिए, न कि बदला।
हमें उसके लिए भी एक मौका देना चाहिए।
अगर वो अपनी गलती स्वीकार करता है, तो वो एक नया जीवन शुरू कर सकता है।
हमें उसे एक नया रास्ता देना चाहिए।
❤️
Harsh Bhatt
जुलाई 16, 2024 AT 22:25ये तो बस एक नाटक है।
एक अमीर आदमी जो बीएमडब्ल्यू चलाता है, और जब उसे लगता है कि उसका नाम खराब हो रहा है, तो वो भाग जाता है।
उसके पिता और ड्राइवर को जेल में डाल देता है।
ये तो बस एक बचाव की योजना है।
मैंने इस तरह की बहुत सारी घटनाएं देखी हैं।
एक बार एक बॉस ने अपने ड्राइवर को जेल में डाल दिया था क्योंकि वो उसके लिए एक दुर्घटना का जिम्मा लेने लगा।
ये तो बस एक नियम है।
अमीर लोग गलती करते हैं, और गरीब लोग उनकी गलती का बोझ उठाते हैं।
ये भारत की असली तस्वीर है।
क्या तुम इसे देख नहीं पा रहे?
हर बार एक नया नाम आता है, और हर बार एक नया बचाव बनता है।
लेकिन जिंदगी जो मर गई, वो कभी वापस नहीं आएगी।
तुम बस इसे एक न्याय के रूप में देख रहे हो।
लेकिन ये तो बस एक दर्द है।
एक दर्द जिसे हम भूल जाते हैं।
dinesh singare
जुलाई 17, 2024 AT 22:57अरे भाई, ये तो बस एक बीएमडब्ल्यू का मामला है।
मैंने अपने दोस्त को एक बार बीएमडब्ल्यू में चलाया था, और वो एक बार रास्ते में रुक गया।
क्या उसे भी जेल में डाल देना चाहिए?
ये तो बस एक नज़रिया है।
क्या तुम इतने नाराज हो कि तुम एक बीएमडब्ल्यू के खिलाफ हो?
मैं तो बस एक अलग नज़रिया दे रहा हूं।
ये तो बस एक दुर्घटना है।
हर दिन 50 लोग गाड़ी से मरते हैं।
क्यों इसी पर इतना शोर कर रहे हो?
मैंने अपने दोस्त को एक बार बीएमडब्ल्यू में चलाया था, और वो एक बार रास्ते में रुक गया।
क्या उसे भी जेल में डाल देना चाहिए?
ये तो बस एक नज़रिया है।
क्या तुम इतने नाराज हो कि तुम एक बीएमडब्ल्यू के खिलाफ हो?
मैं तो बस एक अलग नज़रिया दे रहा हूं।
Priyanjit Ghosh
जुलाई 18, 2024 AT 23:01अरे भाई, ये तो बस एक बीएमडब्ल्यू का मामला है।
मैंने अपने दोस्त को एक बार बीएमडब्ल्यू में चलाया था, और वो एक बार रास्ते में रुक गया।
क्या उसे भी जेल में डाल देना चाहिए?
ये तो बस एक नज़रिया है।
क्या तुम इतने नाराज हो कि तुम एक बीएमडब्ल्यू के खिलाफ हो?
मैं तो बस एक अलग नज़रिया दे रहा हूं।
ये तो बस एक दुर्घटना है।
हर दिन 50 लोग गाड़ी से मरते हैं।
क्यों इसी पर इतना शोर कर रहे हो?
मैंने अपने दोस्त को एक बार बीएमडब्ल्यू में चलाया था, और वो एक बार रास्ते में रुक गया।
क्या उसे भी जेल में डाल देना चाहिए?
ये तो बस एक नज़रिया है।
क्या तुम इतने नाराज हो कि तुम एक बीएमडब्ल्यू के खिलाफ हो?
मैं तो बस एक अलग नज़रिया दे रहा हूं।
Anuj Tripathi
जुलाई 20, 2024 AT 21:25ये तो बस एक बीएमडब्ल्यू का मामला है।
मैंने अपने दोस्त को एक बार बीएमडब्ल्यू में चलाया था, और वो एक बार रास्ते में रुक गया।
क्या उसे भी जेल में डाल देना चाहिए?
ये तो बस एक नज़रिया है।
क्या तुम इतने नाराज हो कि तुम एक बीएमडब्ल्यू के खिलाफ हो?
मैं तो बस एक अलग नज़रिया दे रहा हूं।
ये तो बस एक दुर्घटना है।
हर दिन 50 लोग गाड़ी से मरते हैं।
क्यों इसी पर इतना शोर कर रहे हो?
मैंने अपने दोस्त को एक बार बीएमडब्ल्यू में चलाया था, और वो एक बार रास्ते में रुक गया।
क्या उसे भी जेल में डाल देना चाहिए?
ये तो बस एक नज़रिया है।
क्या तुम इतने नाराज हो कि तुम एक बीएमडब्ल्यू के खिलाफ हो?
मैं तो बस एक अलग नज़रिया दे रहा हूं।
Hiru Samanto
जुलाई 22, 2024 AT 21:19ये बहुत दुखद है... मैंने इस बारे में सुना और रो गया।
कावेरी का नाम याद रखो।
हमें इसे भूलना नहीं है।
जो आरोपी फरार है, उसे जल्दी पकड़ो।
मैं नहीं चाहता कि ये घटना भूल जाए।
कावेरी के लिए न्याय होना चाहिए।
मैं उसके परिवार के साथ हूं।
❤️
Divya Anish
जुलाई 24, 2024 AT 19:14यह मामला भारतीय समाज में न्याय के असमान वितरण का एक उदाहरण है।
एक व्यक्ति के आर्थिक और सामाजिक स्थिति के आधार पर न्याय की प्रक्रिया का व्यवहार निर्धारित होता है।
यहां एक व्यक्ति जिसके पास पैसा और प्रभाव है, उसके बचाव के लिए उसके परिवार और ड्राइवर को जेल में डाला जा रहा है।
यह एक निर्मम व्यवहार है।
पीड़ित परिवार के लिए यह एक अपूरणीय नुकसान है।
हमें इस मामले में न्याय के लिए लड़ना होगा।
यह एक व्यक्ति की जिंदगी के बारे में है।
यह एक न्याय की आवाज है।
हमें इसे सुनना होगा।
हमें इसे नहीं भूलना होगा।
हमें इसे याद रखना होगा।
कावेरी का नाम अब एक न्याय का प्रतीक है।
हमें उसके लिए लड़ना होगा।
हमें इस बात का जिम्मा लेना होगा।
हमें इसे नहीं भूलना होगा।
md najmuddin
जुलाई 25, 2024 AT 17:24मैं इस बारे में बहुत दुखी हूं।
ये तो बस एक दुर्घटना नहीं है, ये तो एक जिंदगी का अंत है।
कावेरी का नाम हमेशा याद रखेंगे।
हमें इसे भूलना नहीं है।
मैं उसके परिवार के साथ हूं।
❤️🙏
Ravi Gurung
जुलाई 27, 2024 AT 02:17कावेरी का नाम याद रखो।
हमें इसे भूलना नहीं है।
❤️