Budget 2024: एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में उछाल के बीच बाजार में हड़कंप, ITC, टाटा कंज्यूमर और HUL ने मजबूत पकड़ी

Budget 2024: एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में उछाल के बीच बाजार में हड़कंप, ITC, टाटा कंज्यूमर और HUL ने मजबूत पकड़ी जुल॰, 24 2024

बजट 2024: एफएमसीजी शेयरों का प्रदर्शन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2024 में पूंजीगत लाभ कर में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद, शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। हालांकि, ऐसे मुश्किल समय में भी, देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों, जैसे कि ITC, टाटा कंज्यूमर और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के शेयर बाजार में स्थिर रहे और उनमें बढ़ोतरी दर्ज की गई।

कर में बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि

वित्त मंत्री ने बजट 2024 में लंबे और अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि की घोषणा की। लंबी अवधि के लिए पूंजीगत लाभ कर को 12.5% और अल्पकालिक के लिए 20% किया गया। इस घोषणा के बाद बाजार में व्यापक रूप से गिरावट आई, जिससे सेंसेक्स 1,150 अंक से अधिक गिरकर 79,324 पर और निफ्टी 24,150 के नीचे आ गया।

हालांकि, इस मौजूदा अस्थिरता के दौरान भी, FMCG कंपनियों के शेयरों ने एक मजबूत प्रदर्शन दिखाया।

FMCG शेयरों ने कैसे कायम रखी मजबूती

इस गिरावट के बावजूद, ITC के शेयरों में 5.02% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 489.90 रुपये पर बंद हुए। कंपनी का बाजार पूंजीकरण इस स्तर पर 6.02 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसी प्रकार, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के शेयरों में 2.32% की वृद्धि हुई और यह 2808.85 रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिससे कंपनी का बाजार पूंजीकरण 6.56 लाख करोड़ रुपये हो गया।

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के शेयरों में भी 4.02% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 1251 रुपये पर बंद हुए, जिससे कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1.18 लाख करोड़ रुपये हो गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में मांग वृद्धि की उम्मीद

वित्त मंत्री ने कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए वित्त वर्ष 2025 में 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा। इस राशि का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों से जोड़ने और ग्रामीण क्षेत्रों में FMCG उत्पादों की मांग को बढ़ाना है। अगले दो वर्षों में, 10 मिलियन किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों से परिचित कराया जाएगा। यह कदम FMCG उत्पादों की मांग को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ा सकता है और कंपनी के शेयरों के प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

JM Financial के विश्लेषकों ने इस बात का भी जिक्र किया था कि अगर टैक्स छूट या कर बचत निवेश की सीमा में वृद्धि की जाती, तो यह प्रतिस्पर्धात्मक कंपनियों जैसे कि डाबर, गोदरेज कंज्यूमर और नेस्ले के शेयरों पर भी असर डाल सकता था।

आर्थिक विशेषज्ञों की राय

आर्थिक विशेषज्ञों की राय

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि से बाजार में थोड़ी अस्थिरता आ सकती है। लेकिन लंबे समय में, FMCG कंपनियों के शेयरों पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है, खासकर जब सरकार कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। यह कदम न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करेगा, बल्कि FMCG उत्पादों की मांग को भी बढ़ावा देगा।

उपभोक्ता प्रतिक्रियाएं और बाजार पर प्रभाव

उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाएं भी इस बजट के प्रति मिली-जुली रही हैं। कुछ उपभोक्ता इस बात से संतुष्ट हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं, जबकि कुछ निवेशक पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि से चिंतित हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बाजार में स्थिरता वापस आएगी और लम्बे समय में FMCG सेक्टर को फायदा होगा।

बाजार विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह बजट ग्रामीण क्षेत्रों में FMCG उत्पादों की मांग को बढ़ावा देगा, जिससे ITC, टाटा कंज्यूमर और HUL जैसे प्रमुख कंपनियों के शेयरों में और वृद्धि देखी जा सकती है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

बजट 2024 ने वित्तीय बाजार में कई सवाल खड़े किए हैं, लेकिन एक बात तो तय है कि FMCG कंपनियों ने इस गिरावट के बीच भी मजबूती कायम रखी है। सरकारी कदमों का समर्थन और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए योजनाएं इन कंपनियों के लिए एक मजबूत भविष्य की नींव रख सकती हैं।

आने वाले समय में, यह देखना रुचिकर होगा कि कैसे ये योजनाएं और फंड आवंटन FMCG कंपनियों के शेयरों पर असर डालते हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देते हैं।