एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी आईपीओ: जीएमपी, सूचीबद्धता और निवेश के प्रमुख बिंदु
नव॰, 18 2024एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी आईपीओ: क्या है खास?
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का प्राथमिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) 19 नवंबर 2024 को खुलेगा और 22 नवंबर 2024 को बंद होगा। एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, यह प्रस्ताव भारत के शेयर बाजार में निवेशकों के लिए नए अवसर प्रदान करता है। देश में हरित ऊर्जा के बढ़ते महत्व के मद्देनजर यह आईपीओ खासा रुचि का विषय बन गया है। नवीनतम जानकारी के अनुसार, कंपनी 92.59 करोड़ नए शेयरों के इश्यू के माध्यम से ₹10,000 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है।
जीएमपी और मूल्य निर्धारण
इसकी ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) अनुच्छेद में निर्दिष्ट की नहीं गई है, लेकिन वर्तमान में इसे वार्षिक एफवाई25 आय के आधार पर अत्यधिक मूल्य पर माना जा रहा है। 257.14 के पी/ई अनुपात पर, यह निवेशकों के लिए चुनौती पेश कर सकता है। यह मूल्य बैंड ₹102 से ₹108 प्रति शेयर के बीच निर्धारित किया गया है।
महत्वपूर्ण तिथियां
बोली प्रक्रिया 19 नवंबर से शुरू होकर 22 नवंबर को समाप्त होगी। आवंटन का आधार 25 नवंबर को तय होगा, जबकि धन-वापसी की प्रक्रिया 26 नवंबर को शुरू हो जाएगी। निवेशकों के डीमैट खातों में शेयरों का क्रेडिट भी 26 नवंबर को होगा। 27 नवंबर 2024 को यह शेयर बाजारों बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध होंगे।
अग्रणी प्रबंधक और निवेश की शर्तें
IDBI Capital Market Services, HDFC Bank, IIFL Securities और Nuvama Wealth Management इस इश्यू के बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं। इस आईपीओ में निवेश के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं भी बताई गई हैं, जो 138 शेयरों की लॉट साइज के साथ ₹14,076 का प्रारंभिक निवेश निर्धारित करती हैं।
कंपनी की वित्तीय स्थिति
बैठक की परिस्थितियाँ और लंबे समय के दृष्टिकोण से बायकज ब्रोकिंग का कहना है कि यह इश्यू दीर्घकालिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है। कंपनी के पास पहले से स्थापित और भविष्य की क्षमताएँ हैं, जो इसे एक लंबे समय के लिए मुनाफा कमा सकता है।
हालांकि, निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने निवेश को लेकर सतर्कता बरतें और अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह लें। वर्तमान बाजार की अस्थिरता के मद्देनजर, निवेश का प्रत्येक कदम सोच-समझ कर उठाना चाहिए।
योजनाएँ और भविष्य
अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों तरीकों का उपयोग कर रही है ताकि वे सतत विकास के साथ ऊर्जा क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर सके। यह आईपीओ न केवल कंपनी के लिए फंड जुटाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि निवेशकों को भारत के हरित ऊर्जा सेक्टर में हिस्सेदारी खरीदने का भी मौका देता है।