IMD ने सौराष्ट्र‑कच्छ में लाल चेतावनी, गुजरात‑महाराष्ट्र में नारंगी अलर्ट

जब इंडिया मौसम विज्ञान विभाग ने 29 सितंबर 2025 को सौराष्ट्र‑कच्छ में भारी बारिश की लाल चेतावनी जारी की, तो लोगों ने तुरंत अपने मोबाइल पर अलर्ट देखा। उसी दिन गुजरात, कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में नारंगी रंग की चेतावनी भी तत्क्षण प्रकाशित हुई। यह सब एक तेज़ लो‑प्रेशर सिस्टम के कारण है, जो 28 सितंबर रात को पश्चिम विडर्भा और उत्तर मध्य महाराष्ट्र के ऊपर स्थापित हो गया था।
चेतावनी की पृष्ठभूमि
बुहत देर नहीं, सौराष्ट्र और कच्छ में लाल रंग की चेतावनी जारी करने का मकसद था संभावित अत्यधिक वर्षा से जनजीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करना। लो‑प्रेशर क्षेत्र को भारी बारिश चेतावनीपश्चिम भारत के तहत वर्गीकृत किया गया था, जिससे प्रभावित राज्यों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश मिला।
बवंडर के लक्षण और संभावित बारिश
इंडिया मौसम विज्ञान विभाग के एक प्रवक्ता, डॉ. अनीता सिंगह, ने कहा: “लॉ‑प्रेशर सिस्टम तेज़ गति से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, और यह 28 सितंबर से 1 अक्टूबर तक लगातार भारी से अत्यधिक बारिश ला सकता है।”
आंकड़े स्पष्ट हैं – 24‑घंटे की अवधि (28 सितंबर, 08:30 IST तक) में कोंकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 7‑20 सेमी की बारिश दर्ज हुई। उसी समय, गुजरात के कुछ हिस्सों में भी समान मात्रा की बारिश हुई। इसके अलावा, पश्चिम मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, मेघालय, केरला, तेलंगाना और कोस्टल कर्नाटक में 7‑11 सेमी की बारिश हुई।
- सौराष्ट्र‑कच्छ: लाल चेतावनी (भारी‑बहुत भारी बारिश)
- गुजरात, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र: नारंगी चेतावनी (भारी बारिश)
- लागत: 28‑सेप्ट‑2025 से 01‑अक्ट‑2025
- वायुमंडलीय दबाव: लगभग 990 hPa तक गिरावट
- पीछे की हवा: दक्षिण‑पश्चिमी दिशा, वेग 45‑55 km/h (गर्त्स)
जैसे ही इस सिस्टम का दबाव कम हो रहा है, तो बादल पट्टी धीरे‑धीरे पश्चिम की ओर सरकेगी, जिससे गुजरात के दक्षिणी हिस्से से लेकर सौराष्ट्र तक लगातार ठंडे और तेज़ वायु में बदलाव आएगा।
प्रभावित क्षेत्र और संभावित नुकसान
भारी‑बहुत भारी बारिश के साथ‑साथ तूफ़ानी तेज़ हवाओं का खतरा भी बढ़ा है। विशेषकर मुंबई और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की संभावना अधिक है। शहरी कोंकण में नाली‑कूद, मेट्रो रिले, और सड़कों की क्षैतिज जलरुकावटें प्रमुख चिंता का कारण बन सकती हैं।
कृषि क्षेत्रों में, अचानक ढलाव वाले क्षेत्रों में मृदा क्षरण और फसल पर जल क्षति देखी जा रही है। बगावती, कच्छ तथा सौराष्ट्र के नारियल बाग़ और कंद-मूल वाली फसलें जोखिम में हैं। स्थानीय प्रशासन ने पहले ही 3,200 से अधिक घरों के जल निकासी के लिए राहत कर्मियों को तैनात कर दिया है।

मछुआरों और समुद्री सुरक्षा हेतु दिशा‑निर्देश
समुद्री तट के 75 किमी तक पर मछुआरों को ज्वार‑भाटा वाले क्षेत्रों में प्रवेश न करने की सलाह दी गई है। उत्तर महाराष्ट्र के तट पर “स्कैली” मौसम की स्थिति के कारण 45‑55 km/h की वेग वाली हवाओं के साथ 65 km/h तक की गस्ट्स बरसने की संभावना है। उसी तरह, दक्षिण महाराष्ट्र‑गोवा तट पर 40‑50 km/h की हवाएं और 60 km/h तक की गस्ट्स अपेक्षित हैं।
कनॉटस्टॉक विभाग ने कहा: “यदि किसी को सूपरवीज़न या रडार साइट पर सुरक्षा संकेत नहीं मिलते, तो 75 किमी के रेडियस में जहाज़ संचालन नहीं करना चाहिए।” इस कारण से कई मत्स्यकुर्सियों ने पहले ही अपने जहाज़ बंद कर लिये हैं, जबकि बचे हुए जहाज़ों ने बंदरगाहों में लंगर डाल कर सुरक्षित स्थान चुना है।
विशेषज्ञों की राय और आगे की कार्रवाई
वायुमंडलीय विज्ञान के प्रोफेसर राजेश कुमार, मुंबई विश्वविद्यालय ने बताया: “ऐसी तेज़ हार्मोनिक सिस्टम कभी‑कभी अचानक दिशा बदल सकती है, जिससे पूर्वानुमान की शुद्धता घटती है। इसलिए स्थानीय प्रशासन को समय‑समय पर अपडेटेड बुलेटिन जारी करना चाहिए।”
राज्य सरकार ने पहले ही सिविल डिफेंस फोर्सेज़ को तैनात कर दिया है, वॉटर‑पम्प, सैंड‑बॅग और मोबाइल एम्बुलेंस की व्यवस्था की जा रही है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी घर की निचली मंज़िलों में फंसने वाले पानी को बाहर निकालें, त्वरित निकासी मार्गों को साफ रखें, और आपातकालीन हेल्पलाइन 112 पर कॉल करें।
अंत में, इंडियन मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि पूर्वानुमान की सटीकता जितनी आगे बढ़ेगी, उतनी ही अनिश्चितता बढ़ेगी। इसलिए हर शाम के अपडेट को सुनना और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।
Frequently Asked Questions
भारी बारिश से किसान कैसे बचाव कर सकते हैं?
किसानों को तुरंत फसल को ऊँची भूमि या टेरेस में ले जाना चाहिए, और बाढ़‑रोधी जाल बिछाना चाहिए। स्थानीय कृषि विभाग की मदद से नालियों को साफ़ कर जल निकासी तेज़ की जा सकती है।
मछुआरों को किन किन तटों पर सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर महाराष्ट्र के तट, विशेषकर सैती सागर से लेकर कोल्हापूर तक, और दक्षिण महाराष्ट्र‑गोवा के तट (कोलाबा, अलिबाग) पर 75 किमी के भीतर नौका संचालन बंद रखें। हवाओं की तेज़ी से जहाज़ों की स्थिरता कम हो जाती है।
शहरी क्षेत्रों में बाढ़ रोकने के लिए क्या उपाय हैं?
शहर के जल निकासी पाइपों को साफ़ रखें, रेत‑बॅग लगाएँ, और बाढ़‑सेंसर वाले क्षेत्रों में अस्थायी पार्किंग बंद करें। स्थानीय निकायों से समय‑समय पर अपडेट प्राप्त करना और एलेर्ट लागू होना महत्वपूर्ण है।
भारी बारिश की चेतावनी कब तक जारी रहेगी?
वर्तमान में विभाग ने 1 अक्टूबर 2025 तक के लिये अलर्ट जारी किया है। लेकिन सिस्टम के पश्चिम की ओर गति जारी रहने से संभावना है कि अगले दो‑तीन दिनों में और अपडेट जारी रहेंगे।
सामान्य नागरिक किन चीज़ों की तैयारी करें?
आपातकालीन किट में टॉर्च, बैटरी, प्राथमिक उपचार की वस्तुएँ और पानी रखें। अपने घर की छत और जल निकासी की जाँच कर लें, और आपातकालीन निकासी मार्ग को पहले से तय कर रखें।
Rashi Nirmaan
सितंबर 29, 2025 AT 19:06IMD द्वारा जारी लाल चेतावनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी की परीक्षा है। गंभीर बरसात से बचाव के लिए सरकारी आदेशों का पालन अनिवार्य है। जनता को सतर्क रहना चाहिए।
Ashutosh Kumar Gupta
सितंबर 29, 2025 AT 21:20भारी बारिश को देख कर दिल थरथराने लगता है! यह एक चेतावनी है कि हम अपने कार्यों पर पुनर्विचार करें और प्रकृति के साथ सम्मानजनक संबंध बनाएं।