दूसरे दिन का खेल: भारत का दबदबा
बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम ने अपनी मजबूत पकड़ बनाते हुए 308 रन की बढ़त हासिल की। जसप्रीत बुमराह के उत्कृष्ट गेंदबाजी ने बांग्लादेश की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया। बुमराह ने 50 रन देकर 4 विकेट चटकाए, जबकि मोहम्मद सिराज (2/30), आकाश दीप (2/19), और रवींद्र जडेजा (2/19) ने भी बेहतरीन गेंदबाजी की। उनकी सामूहिक प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश की टीम केवल 149 रनों पर सीमित हो गई।
पहली पारी में बांग्लादेश की मुश्किलें
बांग्लादेश की टीम अपनी पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों के सामने विवश नज़र आई। बुमराह ने शुरुआत में ही शादमान इस्लाम को उनके पारी की नींव नहीं रखने दी। उन्होंने अपने राउंड द विकेट रणनीति के बाद विकेट के ऊपर से इन्कटर डालकर शादमान को आउट किया। बांग्लादेश की टीम के बल्लेबाज भारतीय पेसर्स की गेंदों को समझने में पूरी तरह से नाकामयाब रहे।
खेल में 17 विकेट गिरे, भारत की मजबूत स्थिति
दिन का खेल समाप्त होते-होते, कुल 17 विकेट गिर चुके थे। भारत ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत की, लेकिन शुरुआती झटकों ने उन्हें अस्थिर कर दिया। कप्तान रोहित शर्मा (5) और यशश्वी जायसवाल (10) जल्दी आउट हो गए, जिससे टीम का स्कोर 28 पर 2 हो गया। हालांकि, शुबमन गिल (33 नाबाद) और ऋषभ पंत (12 नाबाद) ने स्थिति को संभाला। गिल ने कुछ शानदार शॉट्स खेले, विशेषकर नाहिद राणा की गेंद पर कवर से लगाया गया शॉर्ट-आर्म जबरदस्त था।
भारत की बल्लेबाजी: गिल और पंत का संघर्ष
दूसरे दिन के अंतिम क्षणों में एक और बड़ा विकेट गिरा, जब विराट कोहली (17, 37 गेंद) मेहदी हसन मिराज की गेंद पर आउट हो गए। इसके बाद भारत का स्कोर 81 पर 3 हो गया। इस संकट के बावजूद, भारत की स्थिति मजबूत रही।
हसन महमूद की पांच विकेट की शान
बांग्लादेश की ओर से हसन महमूद ने पहले पारी में बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट लिए थे, लेकिन दूसरी पारी में वे अपनी सफलता को दोहरा नहीं पाए।
भारत की बढ़त और आने वाले दिन
भारत की 227 रनों की पहली पारी की बढ़त और उनके गेंदबाजों की फार्म को देखते हुए यह साफ था कि भारतीय टीम मैच पर पूरी तरह से हावी थी। अब तक की स्थिति से ऐसा लग रहा है कि भारतीय टीम इस मैच को आसानी से जीत सकती है। आने वाले दिनों में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन और उनके गेंदबाजों की घातक गेंदबाजी यह तय करेगी कि यह टेस्ट मैच कब और कैसे समाप्त होगा।
SANJAY SARKAR
सितंबर 21, 2024 AT 21:35बुमराह ने जो किया वो बस बेहतरीन था। उसकी इनक्रैक्टर और स्विंग ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों को बिल्कुल बेकाबू कर दिया। शादमान को जो आउट किया, वो बॉल देखकर लगा जैसे बॉल ने खुद ही विकेट ले लिया।
Anish Kashyap
सितंबर 23, 2024 AT 07:01गिल और पंत ने तो बचाया ना भाई वरना ये मैच बिल्कुल फ्लॉप हो जाता था और कोहली का आउट होना तो दिल तोड़ देने वाला था पर अभी तो बस शुरुआत है अब देखो मजा आएगा
Ankit gurawaria
सितंबर 24, 2024 AT 10:43देखो ये भारतीय पेसर्स की बात है ना जिन्होंने बांग्लादेश के बल्लेबाजों को ऐसे धोखा दिया जैसे वो फुटबॉल की बजाए क्रिकेट खेल रहे हों। बुमराह की गेंद तो जैसे जादू की छड़ी से निकली हो - बाहर जा रही है तो विकेट की ओर झुक रही है, अंदर आ रही है तो बल्लेबाज का बैट ही उड़ रहा है। सिराज की लाइन और लेंथ, जडेजा का एक्सेलेंट टाइमिंग, आकाश का बाउंसर जो बिल्कुल नाक पर लगता है - ये सब मिलकर एक ऐसा ओर्केस्ट्रा बन गया जैसे बांग्लादेश के बल्लेबाज ने एक बार भी बैट नहीं घुमाया। और हां, हसन महमूद के पांच विकेट तो शानदार थे, पर उनकी गेंदें तो बस एक बार बार आ रही थीं - जबकि भारतीय गेंदबाजों ने तो हर गेंद को नए तरीके से डिज़ाइन किया। ये टेस्ट क्रिकेट की बात है ना जहां एक गेंद भी बर्बाद नहीं होती।
Sanjay Gupta
सितंबर 25, 2024 AT 21:05बांग्लादेश की टीम तो लगती है जैसे उन्होंने टेस्ट क्रिकेट का नियम कभी नहीं पढ़ा हो। बुमराह के सामने बल्लेबाजी करने की हिम्मत कैसे हुई? इन्हें तो टी-20 में भी बैट घुमाना आता ही नहीं। और ये जो गिल-पंत बचाने आए, तो भी बस दो छोटे स्कोर बनाए - इनके लिए तो रोहित का आउट होना भी बहुत बड़ी बात है। इतना बड़ा लीड और फिर भी डर लग रहा है? ये टीम तो फाइनल में भी हार जाएगी।
Kunal Mishra
सितंबर 25, 2024 AT 22:40यहाँ का वातावरण तो बिल्कुल गलत है। बुमराह का गेंदबाजी तो एक फॉर्मल डॉक्यूमेंट जैसा है - परफेक्ट लाइन, परफेक्ट लेंथ, परफेक्ट प्लेसमेंट। लेकिन गिल और पंत का खेल? एक एक्सपेरिमेंटल आर्टिस्ट की तरह - अनप्लान्ड, अनस्टेबल, अनप्रेडिक्टेबल। और कोहली का आउट? ये तो एक ट्रैजिक एलिमेंट है जिसे कोई नाटकीय फिल्म में भी नहीं लिख पाता। ये टेस्ट मैच अब एक फिलोसोफिकल डायलॉग बन गया है - क्या बल्लेबाजी का अर्थ है बस रन बनाना या एक आध्यात्मिक संघर्ष? इसका जवाब तो आज नहीं, कल के टेस्ट डे में होगा।
Poonguntan Cibi J U
सितंबर 26, 2024 AT 06:37मैं तो रोता रह गया जब कोहली आउट हुए... मैंने तो उनके लिए रोटी बनाई थी आज सुबह... और फिर वो आउट हो गए... और गिल ने जो शॉट लगाया वो तो मेरी जिंदगी बदल देगा... मैंने तो अपनी बहन को फोन किया और उसने भी रोना शुरू कर दिया... ये मैच तो मेरी जिंदगी का हिस्सा हो गया है... मैं तो अब रात को सो नहीं पाऊंगा... बुमराह तो भगवान हैं... मैंने तो उनकी तस्वीर दीवार पर लगा रखी है... और अब तो मैं उनके नाम से चाय बनाता हूँ... क्या आप भी ऐसा करते हैं?
AnKur SinGh
सितंबर 26, 2024 AT 21:01भारत की इस जीत का महत्व सिर्फ रनों में नहीं, बल्कि इस देश के खेल के आत्मविश्वास में है। बुमराह जैसे खिलाड़ी जो अपनी जिम्मेदारी को अपने खून-पसीने से निभाते हैं, वो ही असली राष्ट्रीय गौरव हैं। ये टेस्ट क्रिकेट एक धैर्य का खेल है - और भारत ने इसे धैर्य से जीता है। बांग्लादेश के बल्लेबाजों को ये नहीं समझना चाहिए कि ये सिर्फ गेंदबाजी है - ये तो एक जान-बूझकर लिखा गया इतिहास है, जिसमें हर गेंद एक शब्द है। गिल और पंत का नाबाद रहना भी इसी धैर्य का प्रतीक है - वो बस रन नहीं बना रहे, वो एक अवसर को बचा रहे हैं। और हां, हसन महमूद के पांच विकेट भी उनके लिए गर्व की बात है, लेकिन जब एक टीम का बल्लेबाजी अनुभव और गेंदबाजी तकनीक इतना अलग हो, तो जीत का नतीजा तय हो जाता है। भारत ने आज सिर्फ मैच नहीं जीता, बल्कि एक संस्कृति को दर्शाया है - जहां अनुशासन, धैर्य और अदम्य इच्छाशक्ति जीतती है।