कोलकाता हवाई अड्डे पर TMC काउंसिलर गोली के साथ गिरफ्तार, मुंबई फ्लाइट का सफ़र रुका

कोलकाता हवाई अड्डे पर TMC काउंसिलर गोली के साथ गिरफ्तार, मुंबई फ्लाइट का सफ़र रुका सित॰, 24 2025

घटना की पृष्ठभूमि

रविवार सुबह कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक सामान्य सुरक्षा स्क्रीनिंग के दौरान सीआईएसएफ (सेंट्रल इंडसल सेक्योरिटी फोर्स) ने शेख़ अमिनुल इस्लाम के बैग में धातु की अनजानी वस्तु देखी। इस्लाम, जो दक्षिण २४‑पारगना जिले के पुजाली नगर पालिका के वार्ड‑14 के ट्रिनामूल कांग्रेस काउंसिलर हैं, मुंबई की घरेलू उड़ान पर सवार होने की कोशिश कर रहे थे।

सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत बैग को अलग किया और विस्तृत जांच की। निकाली गई चीज़ों में एक मैगज़ीन और छह 7.65 mm की लिव कॉम्पोनेंट्स (गोलियां) थीं, जो किसी भी प्रकार के हथियार के साथ इस्तेमाल की जा सकती हैं। इस्लाम ने जब पूछा गया कि यह सामान उनके पास क्यों है, तो कोई ठोस जवाब नहीं दिया।

हवाई अड्डे के नियमों के अनुसार किसी भी प्रकार के हथियार या गोला‑बारूद को पास में ले जाना वर्जित है। लाइसेंसधारी भी यदि ऐसा सामान ले जाना चाहते हैं तो उसे डिक्लेयर कर, सही दस्तावेज़ के साथ केवल चेक‑इन बैगेज में ही लाया जा सकता है। इस नियम का उल्लंघन मिलने पर तुरंत गिरफ्तारी का आदेश दिया गया और इस्लाम को हवाई अड्डे की पुलिस स्टेशन में हस्तांतरित कर दिया गया।

राजनीतिक और सुरक्षा पर असर

राजनीतिक और सुरक्षा पर असर

वर्तमान में पश्चिमी बंगाल में राजनीतिक माहौल काफी ताज़ा है। भाजपा ने बार‑बार TMC पर विरोधियों को डराना‑धमकाना और हिंसा को अपनाने का आरोप लगाया है। इस काउंसिलर की गिरफ्तारी इस तर्क को और गहरा कर सकती है, क्योंकि यह दिखाता है कि एक सत्रीय प्रतिनिधि भी हथियार लेकर यात्रा कर रहा था। हालांकि, TMC के शीर्ष नेताओं ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

पुलिस ने मामले की पूरी जाँच शुरू कर दी है। वे यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि गोलियों का स्रोत क्या है, क्या यह व्यक्तिगत उपयोग के लिए था या किसी बड़े नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। साथ ही, इस्लाम के पास कोई वैध लाइसेंस या डिक्लेरेशन दस्तावेज़ न मिलने से यह मामला कानून की धाराओं को भी प्रभावित कर सकता है।

इस घटना ने हवाई अड्डे की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठाए हैं। कई यात्रियों ने पूछताछ की कि क्या इस तरह के मामलों के बाद सुरक्षा जांच को और कड़ा किया जाएगा या नई तकनीकों को अपनाया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएँ सुरक्षा कर्मचारियों की सतर्कता को बढ़ावा देती हैं और भविष्य में यात्रियों के लिये अधिक पारदर्शी प्रक्रियाओं की मांग बढ़ेगी।

भविष्य में इस मामले के परिणाम का राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर पड़ेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। यदि जांच में यह साबित होता है कि इस्लाम ने जानबूझकर हथियार ले जाना चाहा, तो वह आपराधिक दायरे में आएगा और TMC को भी सार्वजनिक छवि के नुकसान का सामना करना पड़ेगा। दूसरी ओर, यदि कोई वैध कारण सामने आता है, तो यह एक बड़ा विवादास्पद मोड़ ले सकता है।

एक बात साफ है: TMC काउंसिलर गिरफ्तारी ने न केवल सुरक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को उजागर किया, बल्कि बंगाल की राजनीति में गहरी विचारधारा के टकराव को भी फिर से सामने लाया।