भारतीय फुटबॉल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, स्पेनिश कोच मनोलो मार्केज़ को भारतीय पुरुष राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया गया है। 55 वर्षीय मार्केज़ ने अपने पेशेवर जीवन में भारतीय फुटबॉल के साथ एक मजबूत संबंध विकसित किया है और इस निर्णय से भारतीय फुटबॉल प्रेमियों में एक नई उम्मीद जगी है।
मनोलो मार्केज़ अपने करियर के दौरान कई पेशेवर लीगों और टीमों के साथ जुड़े रहे हैं। वे हैदराबाद एफसी और एफसी गोवा जैसी प्रमुख भारतीय टीमों को कोच कर चुके हैं। उनकी कोचिंग का अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है। वे 2024-25 सीज़न के दौरान एफसी गोवा के कोच बने रहेंगे और इस अवधि के बाद वे पूर्णकालिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच का पदभार संभालेंगे।
यह नियुक्ति अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की कार्यकारिणी समिति की बैठक में की गई, जिसमें एआईएफएफ के अध्यक्ष श्री कल्याण चौबे और अन्य सदस्य शामिल थे। इस बैठक के दौरान, मनोलो मार्केज़ द्वारा व्यक्त की गई कृतज्ञता को भी सम्मानित किया गया, जहां उन्होंने एआईएफएफ और एफसी गोवा का धन्यवाद किया और भारत को अपना दूसरा घर बताया।
मार्केज़ की भारतीय फुटबॉल में उनकी विशेष भूमिका को देखते हुए, एआईएफएफ और एफसी गोवा के बीच एक समर्पित प्रयास किया जाएगा ताकि उनकी दोहरी जिम्मेदारियों का उचित प्रबंधन किया जा सके। यह एआईएफएफ अध्यक्ष श्री कल्याण चौबे की सोच को भी दर्शाता है कि एक अनुभवी कोच के नेतृत्व में भारतीय टीम को नए ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। श्री चौबे ने एफसी गोवा को भी धन्यवाद दिया कि उन्होंने मार्केज़ को दोनों जिम्मेदारियों को संभालने की अनुमति दी।
मनोलो मार्केज़ के इस नए पदभार से भारतीय फुटबॉल में संभावनाओं का एक नया दौर शुरू होने की उम्मीद है। उनके पिछले अनुभव और कोचिंग के तहत राष्ट्रीय टीम के युवा खिलाड़ियों को प्रभावी विकास का अवसर मिल सकता है। उन्होंने हैदराबाद एफसी के साथ इंडियन सुपर लीग कप में जीत दर्ज कर अपनी क्षमता का प्रमाण दिया है।
मनोलो मार्केज़ का महत्व
मार्केज़ ने भारतीय फुटबॉल के साथ अपने लंबे समय के जुड़ाव के दौरान एक गहरा संबंध विकसित किया है। उनका मानना है कि भारत में फुटबॉल की संभावनाएं अत्यधिक हैं और वे इसे और उन्नत करने के लिए अपने अनुभव का समर्पण करना चाहते हैं। उनका मुख्य ध्यान युवाओं के विकास पर रहेगा, जिससे भविष्य के सितारों को तैयार किया जा सके।
मार्केज़ ने कहा, 'मैं हमेशा से भारत के प्रति एक गहरी कनेक्शन महसूस करता हूं। यह मेरी दूसरी मातृभूमि बन गई है और मैं यहां की फुटबॉल में कुछ विशेष योगदान देना चाहता हूं। मेरे लिए यह गर्व का विषय है कि मैंने भारतीय फुटबॉल में कुछ अच्छा कर दिखाया है और अब मैं राष्ट्रीय टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तत्पर हूं।'
भविष्य की ओर नजर
भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए यह एक रोमांचक समय है, खासकर जब उनके पास अब एक ऐसा कोच है, जिसे भारतीय फुटबॉल की गहरी समझ है और जिसने पहले भी सफलता दिलाई है। एआईएफएफ और एफसी गोवा इस प्रयास को सफल बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे, ताकि मनोलो मार्केज़ अपनी दोनों भूमिकाओं को प्रभावी ढंग से निभा सकें।
मार्केज़ की नियुक्ति एक सकारात्मक संकेत है कि भारतीय फुटबॉल अब तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार है। यह गेंद फुटबॉल प्रेमियों के पाले में है कि वे अपने कोच का पूरा समर्थन करें और मिलकर भारतीय फुटबॉल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।
Pal Tourism
जुलाई 21, 2024 AT 21:45manolo markes ko appoint kiya hai toh ab india ka world cup me 2030 tak jaane ka chance hai lol
Mersal Suresh
जुलाई 23, 2024 AT 00:51यह नियुक्ति भारतीय फुटबॉल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। मनोलो मार्केज़ के तकनीकी ज्ञान, युवा खिलाड़ियों के प्रति उनकी दृढ़ता और उनकी रणनीतिक दृष्टि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने में सक्षम होगी। यह एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन अब बेहतर बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, युवा लीगों और डेटा-आधारित प्रशिक्षण प्रणालियों की आवश्यकता है।
Sunny Menia
जुलाई 23, 2024 AT 12:53मैं इस नियुक्ति की सराहना करता हूँ। एक ऐसे कोच को चुनना जो भारत की संस्कृति को समझता है, यह बहुत महत्वपूर्ण है। अब बस यह देखना है कि वह टीम को कैसे जोड़ता है।
Abinesh Ak
जुलाई 24, 2024 AT 01:33अरे भाई, एक स्पेनिश कोच को भारतीय टीम का कोच बनाया जा रहा है, लेकिन हमारे देश में अभी भी 80% गाँवों में फुटबॉल का मैदान नहीं है। ये सब बस प्रेस रिलीज़ के लिए बनाया गया ड्रामा है। जब तक हमारे बच्चे ट्रैक और फील्ड पर खेलने के लिए नहीं बनाए जाएँगे, तब तक ये सब बस एक फैंसी टी-शर्ट का नाम है।
Ron DeRegules
जुलाई 25, 2024 AT 13:16मनोलो मार्केज़ के अनुभव का महत्व अत्यधिक है क्योंकि उन्होंने इंडियन सुपर लीग में विभिन्न टीमों के साथ काम किया है और उनके तरीके ने खिलाड़ियों के टेक्निकल स्तर को बढ़ाया है जिससे उनकी गेम समझ और टीमवर्क में सुधार हुआ है और अब वे राष्ट्रीय स्तर पर इसी तरह के बदलाव लाने के लिए तैयार हैं जिससे युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के स्तर पर तैयार किया जा सके और यह भारतीय फुटबॉल के लिए एक नया युग शुरू हो सकता है
Manasi Tamboli
जुलाई 27, 2024 AT 09:14क्या तुमने कभी सोचा है कि यह सब असल में किसके लिए है? न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि उन लोगों के लिए जो फुटबॉल को एक ब्रांड के रूप में देखते हैं। भारत के लिए यह एक भावनात्मक आशा है, लेकिन क्या यह आशा वास्तविकता में बदलेगी? या फिर यह सिर्फ एक बादल का एक टुकड़ा है जो धुंध में गायब हो जाएगा?
Ashish Shrestha
जुलाई 27, 2024 AT 13:34इस नियुक्ति का कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं है। भारतीय फुटबॉल की समस्याएँ नियुक्तियों में नहीं, बल्कि प्रशासनिक अव्यवस्था, धोखेबाजी और बजट की कमी में हैं। एक विदेशी कोच को बचाव का बोझ देना बेकार है।
Mallikarjun Choukimath
जुलाई 28, 2024 AT 10:05यह एक दर्शनशास्त्रीय पल है: एक विदेशी कोच, जो भारत को अपना दूसरा घर कहता है, अब भारत की राष्ट्रीय टीम को नेतृत्व देगा। यह न केवल एक खेल का बदलाव है, बल्कि एक सांस्कृतिक रिश्ते का समापन है - जहाँ पश्चिम का ज्ञान, पूर्व के भावनात्मक आत्मविश्वास के साथ विलीन हो रहा है। यह एक युगांतर है।
Sitara Nair
जुलाई 28, 2024 AT 16:18ये बहुत खुशी की बात है 😊 अब तो भारतीय फुटबॉल को नई ऊर्जा मिलेगी 🙌 मनोलो तो वाकई बहुत अच्छे हैं, उन्होंने गोवा के साथ जो किया वो तो देखने लायक था 🏆✨ अब बस युवाओं को मौका दो, वो खुद बदल देंगे 💪❤️
Abhishek Abhishek
जुलाई 29, 2024 AT 21:48क्या आपने कभी सोचा कि अगर भारतीय कोचों को भी मौका दिया जाता तो क्या होता? क्या हमेशा विदेशी कोच ही बेहतर होते हैं? यह तो बस एक भावनात्मक अस्वीकृति है।
Avinash Shukla
जुलाई 31, 2024 AT 20:36मैं इस नियुक्ति को सकारात्मक तरीके से देखता हूँ। एक ऐसे व्यक्ति को चुनना जिसने भारत में काम किया है, जिसे यहाँ की भाषा, संस्कृति और खेल की भावना समझ है - यह बहुत महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि यह एक लंबे समय तक चलने वाला योजना होगा। 🌱⚽
Harsh Bhatt
अगस्त 1, 2024 AT 16:39ये सब बस एक बड़ा धोखा है। जब तक हम अपने खिलाड़ियों को उनके घरों में नहीं बनाएंगे, तब तक ये सब फूलों की बारिश है - सुंदर लगता है, लेकिन जड़ें नहीं हैं। यह एक दर्दनाक झूठ है।
dinesh singare
अगस्त 3, 2024 AT 00:47मनोलो मार्केज़ का नाम सुनकर मुझे याद आया कि जब मैंने अपने बचपन में एफसी गोवा का मैच देखा था और उन्होंने एक बच्चे को बदला था जिसने बाद में इंडियन सुपर लीग में गोल किया था ये बस एक नियुक्ति नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय सपने का आरंभ है
Priyanjit Ghosh
अगस्त 3, 2024 AT 16:33अरे भाई, ये तो बहुत अच्छी बात है 😅 अब तो हमारी टीम दुनिया को दिखा देगी कि हम क्या कर सकते हैं! बस थोड़ा सा समय दो, और देखोगे भारत का जादू 🇮🇳🔥
Anuj Tripathi
अगस्त 4, 2024 AT 14:36मनोलो के साथ भारतीय फुटबॉल बदल जाएगा बस ये यकीन रखो और अब तक के सब आलोचक चुप हो जाएं ये बस शुरुआत है और हम इसे देखेंगे