मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना: पंजाब में ₹10 लाख कवर, पहले दिन 1480 परिवारों ने पंजीकरण

पंजाब सरकार ने पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना का शुभारम्भ किया, जिसमें प्रत्येक परिवार को अधिकतम ₹10 लाख तक का कैशलेस उपचार मिल सकेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पहल को लेकर कहा कि स्वास्थ्य हर नागरिक का मूल अधिकार है और इस योजना से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में उल्लेखनीय बदलाव आएगा।
योजना का विवरण
इस योजना के तहत पंजीकरण 23 सितंबर 2025 को शुरू हुआ, जहाँ तरन तारन और बरनाल जिलों में लगभग 128 पंजीकरण कैंप सेट अप किए गए। कैंपों में केवल आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसी बुनियादी दस्तावेज़ों की जरूरत थी, जिससे अधिकांश लोग आसानी से पंजीकरण कर सके। पहली ही दिन 1480 परिवार इस योजना के तहत रजिस्टर हो गए, जो इस पहल की तेज़ी और जनता की आशा को दर्शाता है।
राज्य के 2025-26 के बजट में इस योजना को ₹778 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसका लक्ष्य पूरे पंजाब के 65 लाख परिवारों को कवरेज देना है, जो लगभग 3 करोड़ लोगों की जनसंख्या को कवर करेगा। वर्तमान में 550 से अधिक निजी अस्पतालों को पहले ही एंपैनल किया जा चुका है और लक्ष्य 1000 अस्पतालों तक पहुंचाने का है। सरकारी एवं निजी दोनों प्रकार की सुविधाओं में इमरजेंसी, सर्जरी, कार्डियक, कैंसर और अन्य महंगे उपचार अब निःशुल्क या कैशलेस रूप में उपलब्ध होंगे।
आयुष्मान भारत योजना के तहत पहले से 45 लाख परिवारों को ₹5 लाख तक का लाभ मिल रहा था। इस नई योजना में वही परिवार अतिरिक्त ₹5 लाख का टॉप‑अप प्राप्त करेंगे, जबकि अभी तक किसी सरकारी बीमा से नहीं जुड़े 20 लाख परिवारों को पूरा ₹10 लाख कवरेज मिलेगा। इस तरह पंजाब में दोहरी सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा का एक नया स्तर स्थापित हो रहा है।

प्रभाव और आगे की राह
इस योजना के लागू होने से न केवल रोगी के आर्थिक बोझ में कमी आएगी, बल्कि अस्पतालों में उपचार की गुणवत्ता में भी सुधार की उम्मीद है। 2000 से अधिक रोगों की सूची में रोचक संक्रमण, जटिल सर्जिकल प्रक्रियाएँ और गंभीर बीमारियों का उपचार शामिल है, जिससे उच्च लागत वाले इलाज अब सामान्य जनसंख्या के लिए सुलभ हो जाएंगे।
- हृदय रोग और एंजियोलॉजी
- ऑन्कोलॉजी (कैंसर उपचार)
- नीदानात्मक सर्जरी (ऑर्थोपीडिक, न्यूरो‑सर्जरी)
- गुर्दा एवं लिवर ट्रांसप्लांट
- दुर्लभ बीमारियों के लिए विशेष उपचार
सभी लाभार्थियों को हेल्थ कार्ड्स सेवाकेंद्रों या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, ऑनलाइन पंजीकरण भी सुविधा के तहत उपलब्ध होगा, जहाँ नागरिक अपनी आधार या वोटर आईडी के साथ तुरंत पंजीकरण कर सकते हैं। सरकारी कर्मचारी, एएसएचए कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस योजना में स्वचालित रूप से शामिल हो जाएंगे, जिससे इन वर्गों को भी विस्तारित सुरक्षा मिलेगी।
पहल के अगले चरण में पंजीकरण को लगभग दस दिनों तक दो जिलों में विस्तारित किया जाएगा, फिर 2 अक्टूबर 2025 से पूरे राज्य में रोल‑आउट किया जाएगा। इस क्रमिक विस्तार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी जिलों में आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर और एंपैनल्ड अस्पताल तैयार हों।
पंजाब अब महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड जैसी ही राज्य के साथ सामंजस्य स्थापित कर रहा है, पर उसकी ₹10 लाख की कवरेज राशि अन्य राज्यों के ₹5 लाख की सीमा से दोगुनी है। इस पहल से पंजाब को भारत के उन कुछ ही राज्यों में गिना जाएगा, जहाँ सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा के साथ ऐसी उच्च सीमा उपलब्ध है।