प्रधानमंत्री मोदी ने इंदिरा गांधी की जयंती पर दी श्रद्धांजलि - एकता की प्रेरणा का दिन
नव॰, 19 2024इंदिरा गांधी की ऐतिहासिक भूमिका
भारतीय राजनीति में इंदिरा गांधी का नाम अत्यधिक सम्मानित और प्रभावशाली नेतृत्व के लिए जाना जाता है। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था और वे पंडित जवाहरलाल नेहरू की एकमात्र संतान थीं। इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 तक और फिर 1980 से 1984 तक दो बार भारत के प्रधानमंत्री के पद पर सेवा की। उनका शासन काल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक अद्वितीय अध्याय है।
इंदिरा गांधी को उनके कड़े और निर्णायक फैसलों के लिए जाना जाता है। उन्होंने देश को कई कठिन दौर से बाहर निकाला और भारत की सुरक्षा को मजबूती दी। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके नेतृत्व ने बांग्लादेश के गठन की राह प्रशस्त की। यह उनके दृढ़ निश्चय और कुशल नेतृत्व का ही परिणाम था कि भारत ने दक्षिण एशिया में अपनी स्थिति को सुदृढ़ किया।
प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उनके योगदान को सम्मानित करते हुए कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।' यह संदेश उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया।
इसी दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन इंदिरा गांधी की एकजुटता की भावना और उनके प्रयासों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने भारत की विविधता में एकता के विचार को साकार किया। 1985 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा इस दिन की स्थापना उनके योगदान को स्मरण करने के लिए की गई थी।
इंदिरा गांधी का प्रभाव
इंदिरा गांधी के कार्यकाल में उन्होंने राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सशक्त करने का प्रयास किया। उनकी नीतियां और निर्णय हमेशा देश की एकजुटता और विकास की दिशा में अग्रसर थे। इन प्रयासों का ही परिणाम था कि भारत ने कठिनाइयों के बावजूद अनेक क्षेत्रों में उन्नति की।
उनका शासन काल अनेक चुनौतियों से भरा रहा, किन्तु उन्होंने अपने साहसी निर्णयों और कुशल शासकीय दृष्टिकोण से राष्ट्र की अखंडता को मजबूत किया। उनकी बुद्धिमत्ता और राजनीतिक क्षमता आज भी देश में उनकी यादों को जीवित रखती हैं।
इंदिरा गांधी और उनके प्रयास
इंदिरा गांधी का योगदान केवल राजनीतिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं था। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण पहल की। अपने शासन के दौरान उन्होंने शिक्षा, विज्ञान, और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सुधार के लिए नीतिगत कदम उठाए। उन्होंने वंचित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए भी कई योजनाएं शुरू कीं। महिलाओं के अधिकारों और समानता के लिए उनकी पहलें भी उल्लेखनीय रहीं।
इंदिरा गांधी का जीवन और कार्य हमें यह शिक्षा देता है कि दृढ़ संकल्प, सही दृष्टि और निश्चय के साथ हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। उनके नेतृत्व से हमने सीखा कि विविधता में एकता ही किसी राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति होती है। उन्होंने हमेशा के लिए भारतीय राजनीति और समाज को एक नई दिशा दी और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व
राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य केवल इंदिरा गांधी के योगदान को याद करना नहीं है, बल्कि यह दिन लोगों को एकजुटता की भावना और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने का भी है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि एकजुटता और सहयोग से ही एक स्थिर और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है।
इस दिवस पर विभिन्न शहरों और गावों में समारोहों का आयोजन किया जाता है, जहां लोगों को इंदिरा गांधी के योगदानों से अवगत कराया जाता है और राष्ट्रीय एकता के लिए उनकी प्रेरणादायी कथाएं सुनाई जाती हैं। यह दिन हमारे देश की विविध संस्कृतियों और विश्वासों के बीच सामंजस्य का पर्व है।
इंदिरा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना ना केवल उनके योगदान को सम्मानित करना है बल्कि यह भी हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है कि हम अपने देश की एकता और प्रगति के लिए कार्यरत रहें। उनका जीवन और कार्य हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा कि समानता, न्याय और एकजुटता ही किसी समाज की आधारशिला होती है।