सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट: वैश्विक बाजारों में नरमी के कारण तीसरे दिन भी घटे दाम
मई, 25 2024सोने की कीमतों में लगातार गिरावट
पिछले एक सप्ताह में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। विश्लेषकों के अनुसार, विश्व बाजारों में पैदा हुई आर्थिक मंदी और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में सुधार के चलते सोने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। सोने के दाम शुक्रवार को तीसरे दिन भी गिर कर ₹72,650 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए, जो कि पिछले दिन के बंद भाव से ₹900 कम है।
गुरुवार को सोने की कीमतों में ₹1,050 की गिरावट दर्ज की गई थी, जिससे भाव ₹73,550 प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गया था। वहीं, बुधवार को भी मामूली ₹50 की गिरावट आई थी। इस प्रकार, पूरे सप्ताह की अवधि में सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में रुझान
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की बात करें तो कॉमेक्स पर सोने की कीमतें प्रति औंस $2,340 पर कारोबार कर रही थीं, जो कि पिछले बंद भाव से $35 कम थीं। इसकी एक मुख्य वजह अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों का मजबूत रहना है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपने ब्याज दरों को लंबे समय तक ऊंचा रख सकता है, जिससे निवेशक सोने में कम रुचि दिखा रहे हैं।
चांदी की कीमतों में भी गिरावट
चांदी की कीमतों में भी कमी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को चांदी के दाम ₹500 गिरकर ₹92,100 प्रति किलोग्राम पर बंद हुए, जबकि गुरुवार को यह ₹92,600 प्रति किलोग्राम पर थे। मई 20 को चांदी ने अपने उच्चतम स्तर को छू लिया था, लेकिन तब से अब तक इसके दाम में निरंतर गिरावट आई है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी का भाव $30.45 प्रति औंस पर था, जो पिछले बंद भाव से नीचे था।
कारण और प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि हाल ही में जारी किए गए अमेरिकी आर्थिक आंकड़े, जो अनुमान से बेहतर रहे, ने यह उम्मीदें बढ़ा दी हैं कि फेडरल रिजर्व अपनी मौद्रिक नीति में सख्ती करके ब्याज दरों को ऊंचा रखेगा। इस कारण कीमती धातुओं की मांग में कमी आई है।
इसके अतिरिक्त, वैश्विक बाजारों में व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों की मंदी भी सोने और चांदी की कीमतों पर प्रभाव डाल रही है। निवेशक जोखिम भरे निवेश से बच रहे हैं और सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे कीमती धातुओं की मांग में घटाव आया है।
भविष्य की स्थिति
विश्लेषकों का मानना है कि अगर फेडरल रिजर्व ने अपनी नीतियों में कोई बदलाव नहीं किया, तो सोने और चांदी की कीमतों में और भी कमजोरी आ सकती है। इसके साथ ही वैश्विक बाजारों में अगर आर्थिक सुधार नहीं हुआ, तो निवेशक कीमती धातुओं में निवेश से दूर रह सकते हैं।
संभावित विकल्पों और वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर नजर रखते हुए निवेशकों को अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए। वर्तमान स्थितियों में सोने और चांदी की कीमतों में और भी उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।