मलयालम सुपरहीरो: केरल के अनोखे सुपरहीरो और उनकी फिल्में

जब आप मलयालम सुपरहीरो, मलयालम सिनेमा में बने ऐसे किरदार जो आम इंसानों की जिंदगी में असली ताकत बन जाते हैं की बात करते हैं, तो सिर्फ टक्कर और धुमाकेधार एक्शन नहीं, बल्कि एक सामाजिक आवाज़ सुनाई देती है। ये सुपरहीरो अंतरिक्ष से नहीं, बल्कि केरल की गलियों, बाजारों और घरों से निकलते हैं। वो जादू के बजाय जुनून से बने होते हैं, और उनकी ताकत का आधार न सिर्फ शरीर होता है, बल्कि एक जमीनी सच्चाई भी।

ये फिल्में मलयालम सिनेमा, दक्षिण भारत का एक अलग और गहरा सिनेमा जो राजनीति, सामाजिक अन्याय और गरीबी को सीधे चेहरे पर देखता है के साथ जुड़े हुए हैं। यहाँ के सुपरहीरो बॉस के खिलाफ नहीं, बल्कि उस बॉस के बने ढांचे के खिलाफ लड़ते हैं। एक शिक्षक, एक बस चालक, एक छोटा दुकानदार — ये सब अपने तरीके से बदलाव लाने वाले हीरो बन जाते हैं। और जब ये किरदार बड़े स्क्रीन पर आते हैं, तो दर्शक सिर्फ देखते नहीं, बल्कि खुद को उनमें पहचानते हैं।

इसीलिए मलयालम फिल्में, जिनमें सुपरहीरो अक्सर बिना कोट और कैप के लड़ते हैं, लेकिन उनकी जीत से लाखों लोगों का दिल जीत जाता है देश भर में अलग तरह से चलती हैं। ये फिल्में सिर्फ एक्शन नहीं, बल्कि एक जागरूकता का संदेश भी देती हैं। आपको याद आएगा, कैसे एक गाँव का आदमी बिना गन के एक बड़े ब्रांड के खिलाफ खड़ा हो जाता है, या कैसे एक बूढ़ा शिक्षक अपने छात्रों के लिए सब कुछ त्याग देता है। ये सब केरल सिनेमा, एक ऐसा सिनेमा जो बाजार के बजाय दर्शक के दिल की आवाज़ सुनता है की खासियत है।

इस लिस्ट में आपको ऐसी ही कहानियाँ मिलेंगी — जहाँ सुपरहीरो का मतलब अलग होता है। जहाँ जीत का नाम नहीं, बल्कि जिंदगी बदलने का इरादा होता है। ये फिल्में आपको बताएंगी कि कैसे एक आम इंसान भी बड़ी बदलाव ला सकता है। और ये सब बिना किसी जादू के, बस एक दृढ़ इच्छाशक्ति से।

लोका चैप्टर 1: चंद्रा 31 अक्टूबर को जियोहॉटस्टार पर स्ट्रीम, 302.88 करोड़ की कमाई

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मलयालम की पहली महिला सुपरहीरो फ़िल्म 'लोका चैप्टर 1: चंद्रा' 31 अक्टूबर को जियोहॉटस्टार पर स्ट्रीम होगी, बॉक्स‑ऑफ़िस में 302.88 करोड़ कमाई कर के इतिहास रचा।