पिछले कुछ महीनों में बिजली, गैस, मोबाइल डेटा और पेट्रोल की कीमतें बढ़ गई हैं। कई लोग पूछते हैं – टैरिफ बढ़ाने का असली कारण क्या है? सरकार के बजट में नई टैक्स, अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों में उछाल और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार यही मुख्य वजहें हैं। जब लागत बढ़ती है, कंपनियां अपना खर्चा ग्राहक पर डाल देती हैं, इसलिए बिल महँगा दिखता है.
सबसे पहले बिजली की बात करें तो ग्रिड अपग्रेड और नवीकरणीय ऊर्जा को जोड़ने के लिए नई फीज़ लगाई गई है। इससे घरों के बिल में 5‑10% तक बढ़ोतरी हुई। गैस कंपनियों ने भी ट्रांसपोर्ट लागत बढ़ने से कीमतें ऊपर उठायीं हैं, खासकर रसोई गैस सिलेंडर पर.
फ़ोन और इंटरनेट सेवाओं में डेटा पैकेज की कीमतें अब पहले से 8‑12% ज्यादा हैं। मोबाइल ऑपरेटरों ने स्पेक्ट्रम ऑक्शन खर्च को कवर करने के लिए टैरिफ बढ़ाया है। पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय क्रूड तेल की कीमत पर निर्भर करती हैं, इसलिए जब वैश्विक बाजार में तेल महँगा होता है तो स्थानीय ईंधन की कीमतें भी साथ चलती हैं.
पहला कदम – बिल का ध्यान रखें। बिजली और गैस दोनों के लिए एक ही समय में कई उपकरण नहीं चलाएँ। एयर कंडीशनर को 22‑23 डिग्री पर सेट रखिए, फैन या पंखा कम इस्तेमाल करें. रात में टैरिफ कम होने वाले टाइम-ऑफ़ पीरियड का फायदा उठाकर वॉशिंग मशीन और डिस़वॉशर चलाएँ.
दूसरा – डेटा प्लान बदलें। कई बार छोटे पैकेज की तुलना में बड़े पैकेज सस्ते पड़ते हैं क्योंकि प्रति जीबी कीमत कम होती है. अपने मोबाइल ऑपरेटर के रीफरल ऑफर या प्रीपेड बोनस का उपयोग करें.
तीसरा, ईंधन बचाने के लिए कारपूलिंग अपनाएँ या सार्वजनिक परिवहन इस्तेमाल करें। यदि आप दो पहिया चलाते हैं तो इको‑ड्राइविंग तकनीक सीखें – धीरे-धीरे एक्सेलरेट करें और ब्रेक का कम उपयोग करें.
चौथा, अगर बिजली बिल बहुत ज्यादा है तो घर में LED बल्ब लगाएँ या सोलर पैनल के छोटे सेटअप पर विचार करें. शुरुआती निवेश थोडा अधिक हो सकता है, लेकिन लंबे समय में बचत काफी बढ़ेगी.
अंत में, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएँ। कुछ राज्यों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सब्सिडी दी जाती है, जैसे कि सस्ते LPG सिलेंडर या बिजली के लिए फ्री टैरिफ स्लैब. इन योजनाओं की जानकारी स्थानीय अधिकारी या वेबसाइट पर मिल सकती है.
टैरिफ वृद्धि एक चुनौती है, लेकिन सही कदम उठाने से आप अपने खर्चों को कंट्रोल में रख सकते हैं। अगर आपको अभी भी समझ नहीं आ रहा तो अपनी बिलिंग कस्टमर सपोर्ट से बात करें, अक्सर वे अतिरिक्त बचत के टिप्स दे देते हैं. याद रखें – छोटी-छोटी बदलाब बड़े फर्क ला सकते हैं.