अगर आप निशानेबाजियों की फ़ॉलोअर हैं या अभी‑ही इस खेल को अपनाना चाहते हैं, तो ये पेज आपके लिए है। यहाँ हम भारत में चल रहे बड़े इवेंट, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के रिज़ल्ट और रोज़मर्रा की ट्रेनिंग सलाह देते हैं। पढ़ते रहें, अपडेटेड रहेंगे।
पिछले महीने एशियन गेम्स में भारतीय महिला टीम ने गोल्ड पेनल्टी शॉट से मेडल जीतकर सबको चकित कर दिया। दीपिका कुमारी का फ़्लाइटिंग अरो 70 मेटर पर लगातार पाँच सटीक शॉट्स देखकर दर्शकों की ताल बजी। वहीं पुरुषों में अतनु दास ने क्वालिफ़ायर राउंड में 680 अंक बनाकर टीम को फाइनल में पहुंचाया। ये आँकड़े दिखाते हैं कि हमारे तीरंदाज विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के काबिल हैं।
अब अगले महीने यूरोपियन वर्ल्ड कप दिल्ली में होने वाला है। भारत की टीम ने पहले ही सैंपल रेज़ल्ट भेजे हैं – पुरुषों की औसत स्कोर 670+ और महिलाओं का 660‑से ऊपर। अगर आप इस इवेंट को फॉलो करना चाहते हैं, तो बस इस टैग को बुकमार्क कर लें। हर मैच के बाद रिज़ल्ट, साक्षात्कार और फ़ोटो यहाँ अपलोड होते रहेंगे।
सबसे पहले सही ग्रिप बनाना ज़रूरी है। तीर को पकड़ते समय हथेली पूरी तरह खुली रखें, उँगलीयों को हल्का दबाव दें और तीर का बैलेंस सेंटर आपके अंगूठे के नीचे रहे। अगर आप कसी हुई पकड़ रखेंगे तो शॉट में सटीकता कम होगी।
दूसरा, सही स्टांस चुनें। पैर थोड़ा खोल कर रखें, बाएँ पैर आगे (अगर आप दाएँ हाथ से शूट करते हैं) और वजन दोनों पैरों पर समान बाँटें। इस पोज़ से शरीर स्थिर रहता है और लक्ष्य तक तीर सीधे पहुंचता है।
ड्रॉ लेंथ यानी तीर खींचने की दूरी भी महत्वपूर्ण है। अपनी ऊँचाई के हिसाब से एक आरामदेह लंबाई चुनें, बहुत ज़्यादा न खींचें नहीं तो मांसपेशियों में दर्द होगा, कम खींचेंगे तो स्ट्राइक कमजोर रहेगा। सामान्य तौर पर कंधे और पैर के बीच का अंतराल लगभग 28‑30 इंच होना चाहिए।
प्रैक्टिस रूटीन को छोटा लेकिन सटीक रखें। हर दिन 30 मिनट लक्ष्य पर फोकस करें, पहले 10 मिनट वार्म‑अप (हाथ, कंधे, पीठ की स्ट्रेच), फिर 15 मिनट बुनियादी ड्रिल और आख़िरी में 5 मिनट फ़िनिशिंग शॉट्स। इस तरह मांसपेशियों को थकान नहीं होगी और आप फॉर्म पर ध्यान दे पाएँगे।
खाना‑पीना भी असर डालता है। प्रोटीन, विटामिन D और ओमेगा‑3 वाले खाने से मसल रीकवरी तेज़ होती है, जिससे लगातार शूटिंग में थकान कम लगती है। पानी खूब पीएँ, डिहाइड्रेशन से लक्ष्य पर ध्यान बिगड़ सकता है।
अगर आप अपने उपकरण को अपग्रेड करना चाहते हैं तो शुरुआती के लिए कार्बन‑फाइबर बैंड और हल्के फाइब्रोस्ट्रिंग वाले बैनर बेहतर होते हैं। ये हल्के और टिकाऊ दोनों हैं, जिससे शॉट की सटीकता में सुधार होता है।
अंत में, हर मैच या प्रैक्टिस के बाद अपनी शूटिंग रिकॉर्ड रखें। कितने अंक आए, कौन सा एंगल ठीक रहा, कौन से मसल्स थक गए – ये नोट्स आपको अगले दिन बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेंगे। यह छोटा अभ्यास आपके खेल को प्रोफ़ेशनल लेवल तक ले जा सकता है।
तो अब जब आप तीरंदाजी की नई ख़बरें और बेसिक टिप्स जानते हैं, तो इस टैग पर लगातार विज़िट करना न भूलें। हर अपडेट में आपको इवेंट रेज़ल्ट, तकनीकी गाइड और प्रोफेशनल खिलाड़ियों के इंटरव्यू मिलेंगे। आपका अगला शॉट अब और भी सटीक होगा!