नया वित्तीय साल शुरू हो गया है और सबके दिमाग़ में सवालों की लकीरें बन रही हैं – बजट कहाँ तक पहुंचा, शेयर बाजार कैसे चलेगा, टैक्स रूल्स में क्या नया होगा? अगर आप भी इन चीज़ों को समझना चाहते हैं तो इस लेख में हम सीधे‑सपाट बात करेंगे। पढ़ते रहिए, हर पैराग्राफ में आपको कुछ काम की जानकारी मिल जाएगी।
इस साल के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा खर्च किया गया है। राजमार्ग, रेल और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को पहले से 20% ज्यादा फंड मिला है। इसका मतलब है कि निर्माण कंपनियों के शेयरों में हल्का उछाल देख सकते हैं।
GST स्लैब भी थोड़ा बदल रहा है – 12% वाले आइटम्स का बेसिक रेट 5 पॉइंट घटा दिया गया, जबकि कुछ आवश्यक वस्तुओं पर छूट बढ़ी है। अगर आप खुदरा व्यवसाय चलाते हैं तो इन बदलावों को तुरंत अपने प्राइसिंग मॉडल में जोड़ें, नहीं तो मार्जिन कम हो सकता है।
कृषि सेक्टर के लिए नई स्कीम भी पेश हुई है – छोटे किसान अब 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी ले सकते हैं, जिससे ड्रिप इरिगेशन और सॉलर पंप जैसे प्रोजेक्ट्स आसान होंगे। यह रूरल बैंकों को भी फायदा देगा क्योंकि लोन डिफ़ॉल्ट कम होगा।
बाजार की बात करें तो Zerodha ने हाल ही में CDSL को चुना, जिससे कई ब्रोकरों के ऑपरेशन मॉडल बदल रहे हैं। अगर आप डिपॉजिटरी विकल्प बदलने वाले हैं तो ध्यान रखें – CDSL का नेटवर्क अभी भी मजबूत है और फीस थोड़ी कम रखी गई है। इस बदलाव से ट्रेडिंग कॉस्ट घटेगा, खासकर छोटे निवेशकों को फायदा होगा।
टैक्स रूल्स में दो बड़ी बातें सामने आईं: पहला, कैपिटल गैन्स टैक्स की सीमा 1 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है। इसका मतलब है कि साल भर में छोटे‑मोटे मुनाफ़े पर अब टैक्स नहीं लगेगा। दूसरा, डिजिटल लेन‑देनों पर अब 0.5% सेक्शन 194C के तहत रिटेंशन हटाया गया है, जिससे फ्रीलांसरों की आय बढ़ेगी।
अगर आप स्टॉक्स में निवेश कर रहे हैं तो ये बदलाव आपके पोर्टफोलियो को सीधे असर करेंगे। हाई‑ग्रोथ कंपनियों के शेयर चुनते समय अब टैक्स इम्पैक्ट कम रहेगा, इसलिए आप थोड़ा और रिस्क ले सकते हैं। लेकिन याद रखें – बाजार हमेशा उतार‑चढ़ाव वाला रहता है, सिर्फ टैक्स बचत से निर्णय नहीं लेना चाहिए।
व्यक्तिगत वित्त की बात करें तो 2025 में बजट के हिसाब से रिटायरमेंट प्लानिंग भी आसान होगी। नई पीएफ स्कीम ने योगदान सीमा को 1.8 लाख रुपये तक बढ़ा दिया है, और इस पर सरकार का मैचेयर बोनस 25% तक मिल सकता है। यदि आप अभी भी अपने फ्यूचर फंड की योजना नहीं बना पाए हैं तो जल्दी से शुरू करें – समय के साथ कॉम्पाउंड इंटरेस्ट काम करेगा।
अंत में एक छोटा टिप: हर महीने अपना खर्च ट्रैक करें, खासकर GST स्लैब बदलने के बाद। अगर आप छोटे व्यापार चलाते हैं तो इनवॉइसिंग सॉफ्टवेयर को अपडेट कर लें, इससे टैक्स फाइलिंग में परेशानी नहीं होगी।
तो, वित्तीय वर्ष 2025 आपके लिये कैसे रहेगा? बजट की दिशा, शेयर बाजार की चाल और टैक्स के नए नियम मिलकर एक साफ़ तस्वीर पेश करते हैं – बस सही जानकारी रखें और योजना बनाकर आगे बढ़ें। मेट्रो ग्रीन्स समाचार पर नियमित रूप से अपडेट पढ़ते रहें, ताकि आप हर बदलते कदम से एक कदम आगे रहें।