युक्रेन युद्ध के 1000 दिन: रूसी आक्रमण के विरुद्ध कभी नहीं झुकेंगे, ज़ेलेंस्की

युक्रेन युद्ध के 1000 दिन: रूसी आक्रमण के विरुद्ध कभी नहीं झुकेंगे, ज़ेलेंस्की नव॰, 20 2024

रूसी आक्रमण के 1000 दिन और युक्रेन की प्रतिज्ञा

युक्रेन ने अपने राष्ट्र की अखंडता और आजादी की रक्षा में 1000 दिन पूरे कर लिए हैं, जब से 24 फरवरी, 2022 को रूस ने अपने सैन्य आक्रमण की पूर्ण पैमाने की शुरुआत की थी। इस मौके पर युक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि युक्रेन कभी भी रूसी आक्रमण के सामने नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा कि युक्रेनी प्रतिरोध ने यह सिद्ध कर दिया है कि रूस की त्वरित विजय की योजनाएं विफल हो गई हैं।

इस संघर्ष के दौरान लाखों युक्रेनियों को अपने घर से बेदखल होना पड़ा है और हज़ारों नागरिकों की जान चली गई है। मानवता पर इस भयावह हमले ने युक्रेन में भारी आर्थिक और बुनियादी ढांचागत क्षति पहुंचाई है। विशेष रूप से, युक्रेन के ऊर्जा क्षेत्र को बार-बार निशाना बनाया गया है, जिससे वहां की अर्थव्यवस्था और जनजीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन

अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा युक्रेन को महत्वपूर्ण मानवाधिकार और सैन्य सहायता प्रदान की जा रही है। यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस के आक्रमण की कड़ी निंदा की है। हालांकि सहायता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, फिर भी चिंता है कि समय के साथ अंतरराष्ट्रीय ध्यान और समर्थन कम हो सकता है, जो कि मानवतावादी स्थिति को और बिगाड़ सकता है। विशेष रूप से गंभीर सर्दियों की चुनौतियों का युक्रेन अभी सामना कर रहा है।

यूरोपीय संघ ने 2014 से ही युक्रेन में अपनी मानवाधिकार सहायता प्रणाली सक्रिय की है और 2022 में इसे अधिक बढ़ाया गया है। इसके तहत विद्युत आपूर्ति बनाए रखने के लिए जेनरेटर और विशेष उपकरण भेजे गए हैं।

भविष्य की चुनौतियां और संकट

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2024 तक 14.6 मिलियन युक्रेनी लोगों को मानवाधिकार सहायता की आवश्यकता होगी। बच्चों की स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जिसमें लगभग 600 बच्चों की मौत हो चुकी है और 1600 से अधिक घायल हुए हैं। इनमें से 44% बच्चों में मानसिक तनाव के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय को युक्रेन को समर्थन देने और रूसी आक्रमण के खिलाफ युक्रेन की जीत सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है। इस संकट के समाधान के लिए वैश्विक समर्थन न केवल युक्रेन के जनता के लिए बल्कि यूरोप और संसार की स्थिरता के लिए भी आवश्यक है।

युक्रेन के सामर्थ्य और संकट में सदृश्यता के साथ उसकी यात्रा न केवल उस देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि यह इस बात का भी उदाहरण है कि आधुनिक युग में एक छोटे देश की संघर्ष क्षमता कैसे बड़ी शक्तियों के आगे टिक सकती है। यह विश्व के बाकी देशों के लिए भी एक सबक है कि संयम और स्थिर संकल्प से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।