क्या कभी ऐसा महसूस हुआ है कि सुबह उठते ही सारी ऊर्जा खिड़की से बाहर निकल गई? काम पर दिमाग नहीं लगा, दोस्ती‑मितत्व भी बेरंग सी लगती है? ये अक्सर डिप्रेशन की शुरुआती चेतावनी होती है। बहुत लोग इसे सिर्फ ‘उदासी’ समझ कर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन सही समझ और कदम उठाने से इसे पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।
डिप्रेशन सिर्फ ‘उदास’ रहने से नहीं, बल्कि कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों से पहचाना जाता है। सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:
इनमें से एक या दो लक्षण लगातार दो हफ़्ते से अधिक समय तक रहे, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। याद रखें, हर व्यक्ति के लक्षण अलग हो सकते हैं, इसलिए अपने शरीर के संकेतों को सुनना ज़रूरी है।
डिप्रेशन की समस्या को यथासंभव जल्दी पहचानना और उचित कदम उठाना सबसे असरदार है। नीचे कुछ आसान और प्रभावी उपाय दिए गए हैं जो आप अभी से अपना सकते हैं:
इन उपायों को धीरे‑धीरे अपनी ज़िन्दगी में शामिल करें। यदि कुछ भी काम न करे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें – डिप्रेशन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। याद रखें, मदद माँगना कमजोरी नहीं, बल्कि समझदारी का संकेत है।
आपका मानसिक स्वास्थ्य आपके शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है। अगर आप या आपका कोई नजदीकी व्यक्ति डिप्रेशन के लक्षण दिखा रहा है, तो देर न करें। सही जानकारी, सही समर्थन और सही उपचार से आप फिर से खुशहाल जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।
बॉलीवुड एक्ट्रेस नूर मालबिका दास ने मुंबई के अपने अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली। उनके परिवार ने बताया कि वह डिप्रेशन से जूझ रही थीं और अपने करियर से नाखुश थीं। असम के करीमगंज शहर से आई हुई नूर ने मुंबई में अपने सपनों को पूरा करने के लिए कदम रखा था। उनके शरीर को एक सप्ताह बाद पड़ोसियों की शिकायत पर पुलिस ने बरामद किया। उनके अंतिम संस्कार का आयोजन एनजीओ की मदद से किया गया।