जब हम मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना, राज्य स्तर पर प्रमुख स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम. Also known as CM हेल्थ स्कीम की बात करते हैं, तो इसका उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बुनियादी चिकित्सा कवरेज देना है। यह योजना आयुष्मान भारत, केंद्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ मिलकर काम करती है, जिससे लाभार्थियों को अस्पताल खर्च में 5 लाख तक की सहायता मिलती है। साथ ही, योजना का डिजिटलीकरण पहल डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड, एकीकृत पहचान और भुगतान माध्यम के माध्यम से तेज़ क्लेम प्रोसेसिंग को संभव बनाता है।
यदि आप सोच रहे हैं कि यह योजना कैसे काम करती है, तो समझ लें कि हर पात्र परिवार को एक टेलीमेडिसिन, दूरस्थ परामर्श सेवा का एक्सेस मिलता है, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क आसान हो जाता है। टेलीमेडिसिन का फायदा विशेष रूप से बुजुर्गों और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए अहम है, क्योंकि वे घर से ही प्री-नैटल और पोस्ट-नैटल देखभाल ले सकते हैं। साथ ही, योजना के तहत छूट वाले दवाओं की सूची नियमित रूप से अपडेट होती है, जिससे बीमारियों के इलाज में आर्थिक बोझ कम होता है।
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना का लाभ उठाने के लिए घर की वार्षिक आय 5 लाख रुपये से नीचे होनी चाहिए, या BPL कार्डधारक होना चाहिए। इस योजना के तहत आप ग्रामीण परिवार, अधिकांश कृषि‑आधारित समुदाय के स्वास्थ्य खर्चों को कम कर सकते हैं, जिसमें डिस्पेंसरी, लैब टेस्ट और सर्जरी शामिल हैं। योजना में प्री‑नैटल चेक‑अप, मातृत्व लाभ, बच्चों के टीके और ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियों का कवरेज भी मौजूद है। एक बार पंजीकरण हो जाए तो आपका डेटा राज्य स्वास्थ्य पोर्टल में सुरक्षित रहता है, जिससे भविष्य में किसी भी नई सुविधा के लिए स्वचालित रूप से अपग्रेड हो सकते हैं।
इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप नीचे दिए गए लेखों में योजना की नवीनतम घोषणाएँ, राज्य‑विशिष्ट फायदे और पांच मिनट में पंजीकरण करने का आसान तरीका पाएँगे। आगे चलकर हम प्रत्येक पहलू को विस्तृत रूप में देखेंगे, जिससे आप अपने या अपने परिवार के लिये सही निर्णय ले सकें।