राष्ट्रीय एकता दिवस क्या है? क्यों खास है?

हर साल 31 अक्टूबर को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है. इस दिन महात्मा गांधी की जयंती भी पड़ती है, इसलिए इसे ‘गांधी जयंती’ के नाम से भी जाना जाता है। सरकार ने 2005 में यह तय किया कि गांधी जी के विचारों को याद करने के साथ‑साथ देश में एकता‑भाईचारा बढ़ेगा.

अगर आप सोच रहे हैं, तो इस दिन सिर्फ झंडा लहराना या भाषण सुनना ही नहीं, बल्कि अपने आसपास की छोटी‑छोटी बातों से भी एकता का माहौल बना सकते हैं. नीचे हम समझेंगे कैसे.

एकता दिवस का इतिहास

गांधी जी ने हमेशा अहिंसा और समान अधिकारों पर भरोसा किया। उनका मानना था कि भारत की ताक़त उसके लोगों में है, चाहे वो किसी भी धर्म, भाषा या जाति के हों. जब देश को अलग‑अलग समुदायों से चुनौतियों का सामना करना पड़ा, तो गांधी जी ने एकजुट होकर काम करने की अपील की.

2005 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस घोषित किया। उनका मकसद था कि हर स्कूल‑कॉलेज और सरकारी विभाग में ‘एकता’ का संदेश फेलाया जाए. तब से हर साल विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं: शहीड स्मृति, सांस्कृतिक प्रदर्शनी, रक्तदान कैंप आदि.

घर-परिवार में एकता कैसे बढ़ाएं

आपको बड़े इवेंट की ज़रूरत नहीं है. रोज़मर्रा के छोटे‑छोटे कामों से भी एकता का जज्बा जगाया जा सकता है:

  • भोजन टेबल पर सभी को बराबर हिस्सा दें, चाहे वो बच्चा हो या बूढ़ा.
  • परिवार में किसी भी विवाद को जल्दी सुलझाएँ, ज़्यादा बहस नहीं.
  • पड़ोसी की मदद करें – जैसे किराने का सामान देना या घर के कामों में हाथ बंटाना.
  • गांधी जी के विचार पढ़ें और बच्चों को उनके बारे में बताएं. उनका ‘सत्याग्रह’ और ‘अहिंसा’ अभी भी प्रासंगिक है.

स्कूल‑कॉलेज में अगर आप छात्र हैं, तो क्लास के बाद एक छोटा सा समूह बनाकर पर्यावरण सफ़ाई या रक्तदान कैंप का आयोजन कर सकते हैं. इससे न सिर्फ आपके साथियों को सीख मिलेगी बल्कि समाज भी सुधरेगा.

यदि आपका काम ऑफिस में है, तो सहकर्मियों के बीच छोटे‑छोटे ‘धन्यवाद’ नोट्स बाँटें, या लंच ब्रेक में सबको एक ही डिश ट्राई करने का प्रॉम्प्ट दें. ये चीज़ें टीम स्पिरिट को बढ़ाती हैं.

एकता दिवस पर मीडिया भी काफी मदद करता है. आप टीवी या सोशल मीडिया पर सरकारी विज्ञापन देखेंगे जो ‘इकजुट भारत’ की बात करते हैं. इन संदेशों को अपनाएं, क्योंकि जब हर कोई छोटा‑छोटा कदम उठाएगा तो बड़ा बदलाव आएगा.

आखिर में याद रखें – राष्ट्रीय एकता दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक सोच है. अगर हम सभी अपने-अपने छोटे‑छोटे क्षेत्रों में सम्मान और सहयोग का भाव रखेंगे, तो देश की असली ताक़त वही बनेगी.