आप सोच रहे हैं कि काम छोड़ने के बाद कैसे आराम से रहेंगे? सच कहें तो रिटायरमेंट की तैयारी जितनी जल्दी शुरू करेंगे, उतना ही तनाव कम रहेगा। नीचे दिए गए टिप्स को रोज़मर्रा में जोड़ दें, फिर देखिए अपने बुढ़ापे का सफर कितना आसान हो जाता है।
सबसे पहले अपनी पेंशन के बारे में साफ‑साफ समझ लें। अगर आप सिविल सर्विस या कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) वाले हैं, तो अपने खाते की स्टेटमेंट हर महीने देखें। जमा राशि बढ़ती रहेगी या नहीं, यह जानना जरूरी है।
सरकारी योजनाएँ भी मददगार होती हैं – जैसे कि वैधानिक पेंशन योजना, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (वायस)। इनका लाभ उठाने के लिए आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में फॉर्म भर सकते हैं। दस्तावेज़ों की एक कॉपी रख लीजिए; बाद में कोई दिक्कत नहीं होगी।
अगर आपके पास निजी पेंशन है, तो उसकी वैधता और रिटर्न चेक कर लें। अक्सर लोग छोटे‑छोटे टैक्स बचाव वाले विकल्पों को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि वे बड़ी बचत दे सकते हैं।
रिटायरमेंट के बाद आय का मुख्य स्रोत पेंशन और निवेश दोनों मिलकर बनता है। इसलिए अपने पोर्टफ़ोलियो को संतुलित रखें – इक्विटी, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड या सिडी में हिस्से बाँटें। जोखिम कम रखने वाले लोग आम तौर पर 60‑70 % सुरक्षित उपकरण (बॉन्ड/एफ़डी) और बाकी 30‑40 % इक्विटी चुनते हैं।
एक आसान तरीका है सिस्टमेटिक इंस्टालमेंट प्लान (एसआईपी)। हर महीने छोटी राशि डालें, फिर जब रिटायर हों तो बड़ा क़श जमा हो जाएगा। यह विधि आत्म अनुशासन बनाता है और महंगाई के असर को घटाता है।
बचत की आदत बनाने में एक छोटा लेकिन प्रभावी कदम है खर्च‑ट्रैकिंग ऐप इस्तेमाल करना। जहाँ भी पैसा खर्च किया, उसे नोट करें; फिर महीने के अंत में देखिए कहाँ कटौती हो सकती है। अक्सर हम अनावश्यक चीज़ों पर बहुत खर्च कर देते हैं – जैसे कि बाहर खाना या बार‑बार ऑनलाइन शॉपिंग।
अंत में एक बात और – अपने स्वास्थ्य बीमा को अपडेट रखें। रिटायरमेंट के बाद मेडिकल खर्च बढ़ सकता है, इसलिए अच्छा टर्म इंश्योरेंस या वरिष्ठ नागरिक योजना वाला हेल्थ प्लान ज़रूरी है। यह आपके बचाए हुए पैसे की रक्षा करता है।
इन सारे कदमों को मिलाकर आप एक मजबूत वित्तीय नींव बना सकते हैं। याद रखें, रिटायरमेंट कोई अचानक आने वाली चीज़ नहीं, बल्कि धीरे‑धीरे तैयार किया जाने वाला चरण है। आज से छोटे‑छोटे बदलाव करके आप अपने बुढ़ापे को आरामदायक और सुरक्षित बना सकते हैं।